ईश्वर ही सत्य है, बाकी सब बेकार है। मनुष्य भगवान की प्राप्ति के लिए पूरी जिंदगी कोशिश करता है। इसके लिए वह कई विधान व अनुष्ठान करवाता है। बावजूद इसके व भगवान की भक्ति को प्राप्त नहीं कर पाता है लेकिन जो व्यक्ति सच्चे मन और भक्तिभाव से भगवान सत्यनारायण की कथा कहता है वह आसानी से भगवान की भक्ति को प्राप्त कर सकता है। यह बात बालाजी मन्दिर के 18वें वार्षिक महोत्सव के दौरान शुक्रवार को आंध्रप्रदेश के जिला श्रीकाकुलम से आए अंपोलू अनंत वेंकट श्रीनिवासाचार्यालु ने कही। उन्होंने इस मौके पर श्रद्धालुओं को भगवान सत्यनाराण की कथा कब, कैसे और क्यों कराई जाए इसके बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हमारे ब्रह्मांड में ऋषियों ने कई प्रकार की कहानियों की रचना की है। उन्हीं कहानियों को कथा के माध्यम से समय- समय पर विद्वानों के द्वारा कहा जाता है। सत्यनारायण स्वामी की कथा भी उनमें से एक है। इस कथा को सुनने से जहां लोगों की दरिद्रता दूर होती है वहीं सच्चे मन से की गई पूजा के चलते हर मनोकामना पूरी होती है। भगवान का पूजन कभी भी आस्था और भक्तिभाव से किया जा सकता है।
इसके लिए कोई समय निर्धारित नहीं किया गया है।