भारत के अन्य राज्यों जैसे बिहार, उत्तरप्रदेश आदि के समान प्रदेश में चलने वाली सभी बसों में अब बस ऑपरेटरों को अनिवार्य रूप से कुछ वर्गों के लिए बसों में सीटें आरक्षित करना पड़ेगा। यदि ऐसा किसी बस ऑपरेटर ने नहीं किया तो यातायात विभाग परिवहन नियमों के तहत कार्रवाई करेगा। जानकारी के अनुसार बस छुटने से कुछ समय पहले तक अनिवार्य रूप से देश के कुछ राज्यों में दिव्यांगों, महिलाओं, विधायकों और पत्रकारों के लिए बसों में सीटें आरक्षित रहती है। यही प्रावधान प्रदेश में भी लागु किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि निश्चित समय सीमा के अंदर यदि उक्त वर्गों के यात्री नहीं पहुंचते हैं तभी ये सीटें दूसरों के लिए प्रदान की जा सकती है। बस्तर में आरटीओ विभाग इस नियम का अब पालन करवाने की तैयारी में है। इस संबंध में इन वर्गों में कई ऐसे यात्री होते हैं जिन्हें अचानक ही अपने गंतव्य की ओर जाना होता है। विशेष रूप से पत्रकार और विधायकों सहित इन वर्गो के और भी यात्री अचानक यात्रा करते हैं। बसों में सीटें नहीं रहने से इन्हें असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए आरटीओं ने कोशिश की है कि यहां से रायपुर सहित अन्य स्थानों की ओर चलने वाली यात्री बसों में सीटें आरक्षित रखी जायें। जिससे इन वर्गों के आने जाने में परेशानी न हो। यात्री बसों में आरक्षित इन सीटों पर आरक्षित रहने की सुचना भी लिखी जायें। ऐसा न करने वाले बस ऑपरेटरों को दंड का भी सामना करना पड़ सकता है।
इस संबंध में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अगस्टीन टोपो ने बताया कि, पत्र लिखकर सभी बस मालिकों को इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए सूचित किया जा रहा है।