राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2025 अंतर्गत जिला स्तरीय राज्योत्सव मेला में कृषि विभाग द्वारा प्रदर्शित स्टॉल में रबी 2025- 26 के लिए फसल चक्र प्रवर्तन अभियान हेतु किया जा रहे प्रयासों और अधिक जल मांग वाली फसलों से होने वाले नुकसान को जीवंत प्रदर्शनी के माध्यम से दिखाया गया। जिसमें गर्मी के समय उगाई जाने वाले धान फसल से होने वाले जल की हानि और पर्यावरण प्रदूषण के साथ ही भू-गर्भ जल के ज्यादा दोहन से पेयजल समस्या जैसे गंभीर विषयों का मार्मिक चित्रण किया गया था। जिसने आमजनों के साथ ही किसानों को भी सोचने पर विवश किया बड़ी संख्या में किसान, अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा करते और धान के बदले वैकल्पिक फसल हेतु सुझाव लेते नजर आए।
इसके साथ ही प्रदर्शनी में दलहन एवं तिलहनी फसलों के अधिक उत्पादन देने वाले कम जल मांग वाली किस्म का प्रदर्शन भी किया गया। जिससे किसान को बीजों के चुनाव में आसानी हो साथ ही महिला समूह द्वारा तैयार किए गए उत्पाद जिसमें परंपरागत कृषि विकास योजना एवं जैविक खेती मिशन अंतर्गत जैविक रागी, कोदो एवं जैविक चावल तथा कच्ची घानी के सरसों तेल व अन्य उत्पादों की प्रदर्शनी भी स्टॉल के माध्यम से किया। इस वर्ष कृषि विभाग की यह प्रदर्शनी अपने अनोखे विषय एवं प्रस्तुतीकरण के लिए राज्योत्सव मेले में चर्चा का विषय रहा।


