Naxal Surrender : एक इनामी नक्सल नेता समेत 50 नक्सली कर सकते हैं. ये सभी उत्तर बस्तर में सक्रिय हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक माहला कैंप में गुरुवार को आत्मसमर्पण कर सकते हैं.
नक्सलियों का एक और बड़ा आत्मसमर्पण जल्द ही हो सकता है. छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री सह गृहमंत्री विजय शर्मा ने इसके संकेत दिए हैं. दशकों से नक्सल समस्या का दंश झेल रहा छत्तीसगढ़ का बस्तर बहुत जल्द सुकून महसूस करेगा. एक साथ 210 नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद अब फिर से जल्द ही बड़ा आत्मसमर्पण हो सकता है.
बस्तर से नक्सलवाद होगा पूरी तरह खत्म
एक इनामी एक सीनियर नक्सली नेता समेत 50 नक्सली आत्मसमर्पण कर सकते हैं. सूत्र बताते है कि उत्तर बस्तर के इलाके में सक्रिय कुछ नक्सली आत्मसमर्पण कर सकते है. जिसमे छोटे व बड़े कैडर के नक्सली शामिल है. जिस तरह से नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे है उससे नक्सल संगठन बिखराव भी देखा जा रहा है
सरकार के संपर्क में हैं बड़े नक्सली नेता
इस आत्मसमर्पण का संकेत देते हुए छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को कहा कि नक्सल उन्मूलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मार्गदर्शन में तेजी से कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर बस्तर नक्सल समस्या से लगभग उबर चुका है. अब बचे हुए कुछ बड़े नक्सली लीडर भी संपर्क में हैं. उनका भी आत्मसमर्पण हो सकता है.
भाजपा ने कांग्रेस को घेरा
नक्सल समस्या के समाधान के लिए सरकार ने 31 मार्च 2026 की समय सीमा तय कर दी है. इस टारगेट को पूरा करने के लिए तेजी तेजी से काम भी हो रहा है. इस बीच कांग्रेस पर आरोप भी लगे हैं कि उनकी सरकार के दौरान नक्सल उन्मूलन के लिए सही तरीके से काम नहीं किए गए. कांग्रेस पर लगे इन आरोपों पर उनका अपना जवाब है.
कांग्रेस ने भाजपा को दिखाया आईना
वहीं, भाजपा सरकार के दावों को खारिज करते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि विजय शर्मा से गृह विभाग संभल नहीं रहा है और वह कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों में 60% तक की कमी आई थी. हमारी सरकार में कई सारे कैंप बनाए गए. हमारी ही रणनीति का फायदा अब मिल रहा है.
भूपेश बघेल ने बताई अपनी सरकार की उपलब्धि
वहीं, इस पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि उनकी सरकार ने “विकास, विश्वास और सुरक्षा” का माहौल बनाकर नक्सलवाद को कमजोर किया था. बघेल ने दावा किया कि अबूझमाड़ में आदिवासियों को पट्टे दिए गए, लोगों का भरोसा जीता गया और युवाओं को नक्सलवाद से दूर रखा गया. उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार में 600 से ज़्यादा गांवों में नक्सलवाद से मुक्त हुए थे. हमारी नीति ने नक्सलवाद की कमर तोड़ दी थी.
सीएम साय ने कांग्रेस के दावों को किया खारिज
नक्सल उन्मूलन की दिशा में तेजी से हो रहे काम को लेकर कांग्रेस भले ही खुद क्रेडिट लेने की कोशिश कर रही हो, लेकिन सरकार के इस पर अपने तर्क हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हमने जो 22 महीने में काम किया है, उसकी वजह से यह नतीजा सामने आया है. हमारी सरकार जब से आई है, तब से हमने नक्सल उन्मूलन की दिशा में तेजी से काम किया है, जिससे नक्सलियों की कमर टूट गई है.
छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन की दिशा में किस सरकार ने क्या काम किया, यह बहस का मुद्दा जरूर हो सकता है, लेकिन बड़ी संख्या में हो रहे आत्मसमर्पण इस बात के संकेत हैं कि तय समय सीमा में नक्सल समस्या का समाधान हो सकता है.



