बस्तर में 31 जनवरी के बाद से धान खरीदी का कार्य थम गया है और इस बार रिकार्ड तोड़ धान की खरीदी की गई है। वहीं जानकारी के अनुसार संभाग के पंजीकृत 32914 से अधिक किसान अपनी उपज लेकर शासकीय धान खरीदी केंद्रों में नहीं पहुंचे। इसे लेकर चर्चा चल रही है कि इस वर्ष धान खरीदी का समर्थन मूल्य भी 2500 रूपये किया गया था और इसे क्रियान्वित भी किया गया, लेकिन इसके बाद भी किसान धान क्यों नहीं बेचने पहुंचे इस पर माथापच्ची की जा रही है। इस संबंध में कृषि विभाग के सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2018 खरीफ वर्ष के लिए कृषि विभाग ने धान का रकबा 272211 हेक्टेयर अनुमानित लक्ष्य रखा था। जबकि किसानों ने 207717 हेक्टेयर भूमि में ही धान की फसल ली। संभाग में इस वर्ष एक लाख क्विंटल धान की खरीदी इस वर्ष हुई है। संभाग में 1,17,218 किसान पंजीकृत हैं और किसानों ने उपरोक्त प्रकार से भूमि पर धान की फसल लगाई और करीब 52 लाख 79 हजार 419 धान बेचने के लिए खरीदी केंद्रों में पहुंचे।