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नक्सलियों ने बंद के दौरान ओडिशा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में मचाया उत्पात, कई वाहन फूंके

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प्रतिवाद सप्ताह के आखिरी दिन गुरुवार को नक्सलियों के भारत बंद का ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में व्यापक असर रहा। नक्सलियों ने उत्पात मचाते हुए सड़क निर्माण में लगे करीब 30 वाहनों में आग लगा दी और तीनों राज्यों की प्रमुख सड़कों पर पेड़ काट कर यातायात अवरुद्ध कर दिए। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए बारूदी सुरंग को निष्क्रिय कर दिया गया है। इसमें पांच किलो बारूद का इस्तेमाल किया गया था।

ओडिशा के नक्सल प्रभावित जिलों- कंधमाल, रायगड़ा, कालाहांडी और मलकानगिरि में बंद का व्यापक असर रहा। सरकार ने एहतियात के तौर पर रोडवेज की बसों का परिचालन बंद रखा गया था। इस कारण यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। राज्य पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। इस दौरान राज्य पुलिस, डिस्ट्रिक्ट वॉलियंटर फोर्स, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के जवानों द्वारा सघन तलाशी अभियान चलाया गया। नक्सलियों ने कंधमाल और रायगड़ा जिले में पेड़ काट कर प्रमुख सड़कों पर गिरा दिए थे, जिससे सड़क यातायात प्रभावित रहा। कालाहांडी जिले में सड़क निर्माण में लगी एक जेसीबी मशीन को तोड़ दिया। कंधमाल जिले के दारिंगिबाडी-बालिगुडा मार्ग के बीच पकलडामी में पेड़ काट कर सड़क यातायात को बाधित कर दिया था। रायगड़ा के कोठागुडा-मुनिगुडा मार्ग स्थित सतानलिया में पेड़ काट कर सड़क यातायात को अवरुद्ध कर दिया था। हालांकि कुछ देर बाद प्रशासन ने सड़क से कटे पेड़ों को हटाकर यातायात को सामान्य करवा दिया।

वहीं, छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, धमतरी, सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर जिलों में नक्सलियों के बंद का मिलाजुला असर रहा। धमतरी जिले के सिहावा बोराई मार्ग पर पेड़ काट कर डाल दिए थे, जिसकी वजह से यातायात प्रभावित रहा। नक्सलियों ने जगह-जगह अपने बैनर-पोस्टर भी लगाए। नक्सलियों की ओडिशा राज्य कमेटी ने इस काम को अंजाम दिया है। बैनर, पोस्टर और पंपलेट में भारत बंद का जिक्र किया गया है। धमतरी के पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने बताया कि नक्सलियों द्वारा सड़क मार्ग अवरुद्ध करने की जानकारी के बाद क्षेत्र में सर्चिंग बढ़ा दी गई है। महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर ग्राम धनोवा में सड़क निर्माण कार्य में लगे 15 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। छत्तीसगढ़ से सटे महाराष्ट्र और ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सलियों ने ज्यादा उत्पात मचाया।

बस्तर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा और जिला पुलिस अधीक्षक डी. श्रवण ने बताया कि नक्सलियों द्वारा भारत बंद के ऐलान के बाद से ही हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गयी थी।

दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र में पुलिस टीम ने सर्चिंग के दौरान नक्सलियों द्वारा बिछायी गयी बारूदी सुरंग का पता लगाया। बारूदी सुंरग को निष्क्रिय कर दिया गया, जिसमें करीब पांच किलो बारूद प्रयोग किया गया था। जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि थाना कटेकल्याण से पुलिस की संयुक्त टीम गुड़सेगांव की ओर सर्चिंग के लिए रवाना की गयी थी। सर्चिंग टीम के जवानों को सड़क किनारे लगाए गए इलेक्ट्रिक तारों को देखकर शक हुआ। जांच में पता चला कि सर्चिंग टीम को विस्फोट से उड़ाने की नीयत से नक्सलियों ने सड़क किनारे बारूदी सुरंग बिछायी थी, जिसमें करीब पांच किलो बारूद का इस्तेमाल किया गया था। इस दौरान डेटोनेटर और बिजली के तार भी बरामद किए गए।

नक्सलियों के बंद का ज्यादा असर बस्तर की ओर जाने वाली यात्री बसों पर हुआ है। इसके चलते सुकमा, पंखाजुर, नारायणपुर, भानुप्रतापपुर की ओर जाने वाले यात्री परेशान हुए। बंद का असर सुकमा, कांकेर के अंदरूनी इलाकों में भी रहा। दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, जगदलपुर, सुकमा, कोंडागांव एवं कांकेर के अंदरूनी इलाकों में सभी दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद थे।

उधर, महाराष्ट्र में नक्सलियों के बंद का ज्यादा असर गडचिरोली जिले में रहा। नक्सली यहां बुधवार देर रात से ही उत्पात मचाने लगे। जिले की कोरची तहसील के डोंगरगांव पुलिस सहायता केंद्र से कुछ ही दूरी पर एक ट्रक में आग लगा दी और इलाके में आवाजाही रोकने के लिए पेड़ काटकर सड़कों पर गिरा दिए। वहीं, पोटेगांव-जामगांव मार्ग पर सड़क निर्माण में लगे चार ट्रैक्टर और दो जेसीबी मशीनों में आग लगा दी।

नक्सलियों ने गडचिरोली जिले में बीते एक सप्ताह में अलग-अलग घटनाओं में पांच निर्दोष आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया था। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी मुहिम का विरोध करने के लिए प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) ने 25 जनवरी से 31 दिसम्बर तक ‘प्रतिवाद सप्ताह’ मनाने की घोषणा की थी। ‘प्रतिवाद सप्ताह’ के अंतिम दिन भारत बंद का ऐलान किया गया था।

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