Home News वाल्टेयर रेलमंडल में चलने वाली 140 ट्रेनों के बदलेंगे रंग

वाल्टेयर रेलमंडल में चलने वाली 140 ट्रेनों के बदलेंगे रंग

244
0

 वॉल्टेयर रेलमंडल में चलने वाली यात्री रेलों की बोगियों के रंग बदलने को लेकर रेल विभाग ने अभियान शुरू कर दिया है। 6 महीने पहले शुरू किए गए प्रोजेक्ट उत्कृष्ट के तहत अब तक सुपरफास्ट और मेल की बोगियों के रंग ही बदले गए थे। इसके बाद अब एक्सप्रेस और पैसेंजर रेलों की बोगियों का रंग भी बदलने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके तहत एक्सप्रेस ट्रेनों का रंग क्रीम और भूरा होगा।

वहीं अभी पैसेंजर के रंगों का चुनाव नहीं किया गया है। वॉल्टेयर रेलमंडल में चलने वाली सभी 140 यात्री रेलों को शामिल किया गया है। इसमें जगदलपुर से होकर चलने वाली किरंदुल-विशाखापटनम एक्सप्रेस, दुर्ग-जगदलपुर एक्सप्रेस, समलेश्वरी एक्सप्रेस और हीराखंड एक्सप्रेस के साथ किरंदुल से विशाखापटनम चलने वाली पैसेंजर को नया कलेवर दिया जाएगा।

चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बनने वाली बोगियों को अपग्रेड करने की पहल भी की जा रही है। इसके तहत बोगियों के अंदरूनी और बाहरी अपग्रेडेशन में शौचालय, सीटों और बर्थ से लेकर फर्श और बाहरी हिस्से को नया रूप दिया जा रहा है। सभी प्रकार की रेलों को अलग-अलग रंग दिया जाएगा, जिससे सुपरफास्ट और मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर को दूर से ही लोग पहचान सकें।

वॉल्टेयर रेलमंडल के प्रवक्ता जयराम बिरलंगी ने सोमवार को बताया कि पीवीसी फर्श खराब होने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में इन्हें बदला जाएगा। इसके साथ ही इसमें पैच या फीके शीट वाले कोच पैनल को बदला जाएगा। जरूरत पड़ने पर छत की मरम्मत भी होगी।

सीट या बर्थ के फटे रैग्जिन को सुधारा जाएगा। इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से सभी आरक्षित डिब्बों में अग्निशमन यंत्र भी लगाए जाएंगे। एसी कोच में शौचालय का उपयोग करने के दौरान संकेत से लोगों को पता चलने की व्यवस्था और पार्टिशन के लिए दरवाजे भी कोच में लगाए जाएंगे। इसके साथ ही हर कोच में एलईडी लगाई जाएगी।

कई बार ऐसा देखने में आता है कि शौचालय में पीवीसी का फर्श पानी के बहाव को रोक नहीं पाता और पानी जमा हो जाता है। ऐसे में इसके लिए एपॉक्सी फर्श बनाया जा रहा है। इसके अलावा आरडीएसओ द्वारा लागू की गई डिजाइन के अनुसार फ्लशिंग के लिए बेहतर सुविधाएं देने की बात भी उन्होंने कही हैं।

इधर पैंट्री कार की सुरक्षा प्रमाणीकरण के बिना इन्हें रेल में जोड़ा नहीं जा सकेगा। ऐसे में गैस आधारित खाना पकाने की प्रणाली विकसित करने के साथ ही इसकी सुरक्षा को लेकर भी मानक तय किए गए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here