छत्तीसगढ़ के CM विष्णु देव साय ने बिलासपुर के गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। उन्होंने युवाओं को देश का भविष्य बताया और नक्सलवाद खत्म करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताई।
उन्होंने शहीद विनोद सिंह कौशिक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। वर्ष 2018 में नारायणपुर में माओवादियों से लड़ते हुए वे शहीद हुए थे। उनकी स्मृति को जीवित रखने के लिए एक न्यास बनाया गया है, जिसके माध्यम से प्रतिभाओं का सम्मान किया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य है। डबल इंजन की सरकार नक्सलवाद खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। लगातार ऑपरेशनों में सफलता मिल रही है, इनामी नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और नक्सलवाद कमजोर हो चुका है।
इस दौरान CM साय ने कहा- यह सम्मान समारोह ना सिर्फ एग्जाम में अच्छे मार्क्स लाने वालों के लिए है, बल्कि उन स्टूडेंट्स के लिए है जो आगे देश का भविष्य निर्माण करेंगे। छात्रों की सक्सेस में उनकी म्हणत के साथ-साथ फॅमिली, गुरु और समाज का भी बराबरी का हाथ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ अब रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है और यहां उच्च शिक्षा के सभी बेहतर संस्थान मौजूद हैं, इसलिए विद्यार्थियों को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न संकायों के उत्कृष्ट विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए। उन्होंने विद्यार्थियों को लक्ष्य तय करने, मेहनत जारी रखने और हमेशा सकारात्मक सोच रखने की सलाह दी।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भी शहीद विनोद सिंह कौशिक को श्रद्धांजलि दी और स्टूडेंट्स को सन्देश देते हुए कहा कि उन्हें अपने प्रयासों से अपने साथ राज्य और देश का भविष्य भी उज्ज्वल बनाना है। साथ ही उप मुख्यमंत्री ने छात्रों को ‘डिप्रेशन’ और ‘निराशा’ जैसे शब्दों को अपनी लाइफ से हटाने और पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ विधायक अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, धरमजीत सिंह, सुशांत शुक्ला, दिलीप लहरिया, महापौर पूजा विधानी, पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष राजेश पांडे, क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, कई जनप्रतिनिधि और छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।