जयपुर. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर राजस्थान में सियासत तेज हो गई है. इसके पीछे बड़ी वजह है कि धनखड़ राजस्थान के ही रहने वाले हैं. धनखड़ के इस्तीफे को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद ऐसा कभी नहीं हुआ कि उपराष्ट्रपति का इस्तीफा हुआ हो. स्वास्थ्य कारण की बात समझ नहीं आई. पीएम विदेश दौरे पर जा रहे हैं. मानसून सत्र की शुरुआत हुई है. सोमवार को दिनभर हाउस चला. उसके बाद यह सब. ये खबर सुनकर सभी राजस्थानियों को धक्का लगा है.
गहलोत ने कहा कि ये पूरे देश के लिए चौंकाने वाला है. यह दुखद भी है. इसमें जो चर्चाएं चल रही है उसमें सबका मनाना है कि स्वास्थ्य का कारण नहीं हो सकता है. और कोई कारण हो सकता है जो अभी तक बाहर नहीं आया है. धखड़ राजस्थान के रहने वाले हैं. किसान हैतेषी है. वे पहले भी संसद में किसानों की आवाज उठाते रहे हैं. गहलोत ने कहा कि राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला दोनों राजस्थान के हैं. मैने 10 दिन पहले ही कहा था कि लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा स्पीकर दबाव में काम कर रहे है.
यह कोई मामूली घटना नहीं है
गहलोत ने कहा कि यह कोई मामूली घटना नहीं है. ये देश में आरएसएस या बीजेपी का कोई मूव तो नहीं है जो वह छिपा रही हो. गहलोत ने कहा कि कुछ दिन पहले धनखड़ ने दो साल बाद 2027 में इस्तीफे की कही थी. असल में क्या हुआ है ये तो RSS जानें. मोहनभागवत जानें या फिर प्रधानमंत्री जानें. गहलोत बोले मेरे उनके परिवार से 50 साल से संबंघ रहे हैं. प्रधानमंत्री को चाहिए कि उनको मनाए उनका इस्तीफा वापस हो ऐसा हमारी पार्टी का स्टैंड है.
गहलोत ने कहा कि यह कोई मामूली घटना नहीं है. ये देश में आरएसएस या बीजेपी का कोई मूव तो नहीं है जो वह छिपा रही हो. गहलोत ने कहा कि कुछ दिन पहले धनखड़ ने दो साल बाद 2027 में इस्तीफे की कही थी. असल में क्या हुआ है ये तो RSS जानें. मोहनभागवत जानें या फिर प्रधानमंत्री जानें. गहलोत बोले मेरे उनके परिवार से 50 साल से संबंघ रहे हैं. प्रधानमंत्री को चाहिए कि उनको मनाए उनका इस्तीफा वापस हो ऐसा हमारी पार्टी का स्टैंड है.