कर्नाटक पूर्व डीजीपी और बिहार के लाल ओमप्रकाश हत्याकांड ने पूरे देश को हिला दिया है. ओमप्रकाश काबिल और होनहार आईपीएस अधिकारी थे. ऐसे में घर में उनकी हत्या कैसे हो गई? आखिर हत्या की सूई पत्नी और बेटी पर क्यों जा रहा है? कर्नाटक के बेंगलुरु में हुए इस हत्याकांड के पीछे कोई साजिश तो नहीं? ओमप्रकाश की हत्या ने अपने पीछे कई गंभीर सवाल और कई राज छोड़ दिए हैं, जिसका पुलिस को बेनकाब करना जरूरी हो गया है. ओमप्रकाश की हत्या के वक्त घर में कौन-कौन लोग थे? क्या मानसिक रूप से बीमार पत्नी और बेटी एक पुरुष को इतनी बेरहमी से हत्या कर सकती है? क्या हत्या के वक्त पत्नी और बेटी के अलावा कोई तीसरा शख्स भी था? पूर्व डीजीपी की हत्या की शक की सुई किस पर जा रही है?
बता दें कि कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश एक ऐसे आईपीएस अधिकारी थे, जिनकी प्रतिभा और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें पुलिस महकमे में एक अलग पहचान दी थी. बिहार के चंपारण में जन्मे ओमप्रकाश ने भूविज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल की और 1981 में यूपीएससी परीक्षा पास कर कर्नाटक कैडर में आईपीएस बने. हरपनहल्ली में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में करियर शुरू करने वाले ओमप्रकाश ने शिवमोग्गा, उत्तर कन्नड़ और चिकमंगलूर जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवा दी. लोकायुक्त, सीआईडी और अग्निशमन सेवाओं में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया. 1 मार्च 2015 को कर्नाटक के डीजीपी बने और 2017 में सेवानिवृत्त हुए. दंगों से निपटने में माहिर इस अधिकारी की जिंदगी का अंत एक दुखद और रहस्यमयी घटना के साथ हुआ.