साइबर अपराधियों ने आजकल ठगी का एक नया तरीका अपनाया है, जिसमें मदद के बहाने लोगों से मोबाइल लेकर उनके बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा लिए जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जनपद के पुरानी तहसील खलीलाबाद से सामने आया है, जहां रजिस्ट्री ऑफिस के स्टांप वेंडर बोसचंद्र ठगी का शिकार हो गए. जालसाजों ने महज 10 मिनट में उनका मोबाइल इस्तेमाल कर सिम को दूसरी कंपनी में पोर्ट कर दिया और एक ही रात में उनके खाते से 2.05 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए. साइबर थाने की पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ जालसाजी, गबन, आईटी एक्ट और धमकी का केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.
कैसे हुई ठगी?
बोसचंद्र ने बताया कि पिछले एक महीने से चार युवक, जिनकी उम्र 25 से 30 वर्ष के बीच थी उनकी दुकान पर आ रहे थे. इनमें से दो को वे पहचानते भी थे. 15 अप्रैल को एक युवक ने पहले जमीन रजिस्ट्री के बारे में बात की और फिर “दीदी से बात करने” के बहाने उनका मोबाइल फोन मांगा. 10 मिनट बाद मोबाइल लौटाने के बाद उसी रात उनके खाते से पांच बार में 2.05 लाख रुपये निकाल लिए गए. अगले दिन बैंक में पता चला कि उनका सिम अमन नाम से दूसरी कंपनी में पोर्ट कर लिया गया है. इस वजह से फोन में नेटवर्क भी बंद हो गया है. ठगी का शिकार हुए व्यक्ति को उनके बेटे सचिन की सतर्कता से समय पर जानकारी मिली, वरना जालसाज पूरा खाता खाली कर सकते थे.