मुंबई-पुणे के बीच का सफर हाइपरलूप तकनीक से जल्द ही महज 25 मिनट में पूरा किया जा सकेगा. फिलहाल इस यात्रा में तीन से चार घंटे का समय लगता है. हाइपरलूप प्रोजेक्ट को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंजूरी की जानकारी देते हुए इसका वीडियो साझा किया. यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे केंद्र सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.
हाइपरलूप तकनीक में ट्रेन एक विशेष ट्यूब के भीतर बिना किसी अवरोध के चुंबकीय शक्ति के सहारे चलती है. इसमें 1200 किमी/घंटा की अधिकतम रफ्तार हासिल करने की क्षमता है, हालांकि मुंबई-पुणे मार्ग पर इसे 600 किमी/घंटा की गति से चलाया जाएगा. इस ट्रेन का किराया हवाई जहाज के समान होने की संभावना है, जिससे यह यात्रियों के लिए तेज और प्रीमियम विकल्प बनेगी.
एलन मस्क की सुझाई तकनीक
यह प्रोजेक्ट 2013 में एलन मस्क द्वारा सुझाई गई हाइपरलूप तकनीक का उपयोग करता है. यह तकनीक पहली बार अमेरिका में लॉस एंजेलिस और सैन फ्रांसिस्को के बीच यात्रा के समय को कम करने के लिए प्रस्तावित की गई थी. भारत में, IIT मद्रास और रेलवे ने मिलकर इसके लिए 410 किमी लंबा ट्रैक तैयार किया है, जहां ट्रेन की टेस्टिंग की जाएगी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पिछले कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का प्रयास किया था. उनकी नेतृत्व क्षमता और केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद यह प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ा है. यह देश का पहला हाइपरलूप रूट होगा, जिससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि यात्रा का अनुभव भी पूरी तरह बदल जाएगा.