छत्तीसगढ़ : कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या की जमानत याचिका खारिज…
पिछली कांग्रेस सरकार में ताकतवर और प्रभावशाली अफसर रहीं सौम्या चौरसिया को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है. कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या की जमानत याचिका खारिज कर दी है. सौम्या चौरसिया दिसंबर, 2022 से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है. कांग्रेस सरकार के समय हुए कोल लेवी स्कैम मामले में आरोपी राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अफसर सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका एसीबी की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है.
सौम्या चौरसिया की ओर से एसीबी और EOW की ओर से दर्ज मामले में जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी है.
भूपेश बघेल सरकार में सौम्या चौरसिया पर कोयला परिवहन में 25 रुपये टन अवैध वसूली के सिंडिकेट के किन पिन होने के आरोप में ED ने गिरफ्तार किया था.
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद जनवरी 2024 में फिर से एसीबी और EOW ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था. कोर्ट में सौम्या चौरसिया के वकील फैसल रिजवी और हर्षवर्धन ने कहा कि ED के प्रकरण में प्रिडिकेट ऑफेंस नहीं होने की कमी को दूर करने के लिए ईओडब्ल्यू की एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें धारा 384 जोड़ी गई.
EOW की FIR में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7A 12 और IPC की धारा 420, 120B और 384 का उल्लेख है. पूरा मामला संभावना और दूसरे आरोपियों के आधार पर मामला दर्ज किया गया. साथ ही चार साल की बच्ची की तबीयत खराब होने के आधार पर बेटी के देखभाल का हवाला दिया गया.
EOW की तरफ से मिथिलेश वर्मा और उप महाधिवक्ता सौरभ पांडेय ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि राज्य के संसाधनों से जुड़ा संगठित अपराध है, जिसमें 540 करोड़ का भ्रस्टाचार हुआ है. अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नेताओं और कारोबारियों के सिंडिकेट ने 25 रुपये प्रति टन अवैध कोल लेवी वसूली गई. अगर जमानत दी गई, तो पारदर्शी जांच प्रभावित हो सकती है.