छत्तीसगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभिन्न मुद्दों को लेकर पत्रकारों से चर्चा…
उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र की घोषणा हो गई है। संसदीय कार्य मंत्री इस्तीफा दे दिए है, शिक्षा सत्र शुरू हुआ है। शिक्षा मंत्री ही नहीं है। अभी स्कूलों में ताला लगे हैं। स्कूलों की बिल्डिंग नहीं है, कहीं शिक्षक नहीं है, कहीं एकल शिक्षक है उसकी शिकायतें लगातार आ रही है और उसमें भी तालाबंदी तक की नौबत आ गई है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के लिए हमारे पास तो मुद्दे बहुत है। बलौदाबाजार में जो आगजनी हुआ है, कुकदूर में 19 लोगों की मौते हुई है। आये दिन हत्याएं, बलात्कार हो रही हैं सबसे ज्यादा कवर्धा जिले में हो रहा है, गृह मंत्री के क्षेत्र में हो रहा है। कानून व्यवस्था नाम की चीज रही नहीं ये तो सबसे बड़ा मुद्दा है।
दूसरा मानसून सत्र शुरू होने वाला है जो खेती किसानी से जुड़ा हुआ मामला है। मानसून वैसे ही विलंब है। खाद बीज की उपलब्धता नहीं के बराबर है। उस मामले में भी सवाल उठाया जाएगा। शिक्षा सत्र चल रहा है, ये मुद्दे भी उठेंगे। विपक्ष के पास तो मुद्दे ही मुद्दे है। इसको लगातार उठाया जाएगा लेकिन समय कम है इसको बढ़ाया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब से विष्णुदेव सरकार आयी है तब से गौ-तस्करी बेतहाशा वृद्धि हुई है। बागनदी बार्डर में आप देखेंगे जवान को रौंदते हुये गाड़ी चली गयी। ये पूरी मिलीभगत से हो रहा है। इसी प्रकार से सारे बार्डरों में गौ-तस्करी हो रहा है। छत्तीसगढ़ में इसकी जबरदस्त वृद्धि हुई है। जबकि पांच साल की हमारी शासनकाल में ऐसी कोई शिकायत नहीं आयी है।
पूर्व सीएम ने बिजली कटौती को लेकर कहा कि घंटों बिजली गुल, ग्रामीण क्षेत्रों में कई-कई दिनों तक बिजली नहीं है। बिजली बिल बेतहाशा आ रहा है, चाहे घरेलू उपभोक्ता की बात करे, चाहे पंप कनेक्शन की बात करे बिजली बिल बढ़े हुये दरों पर आ रहा है। उन्होंने सीएम पर तंज कसते हुए कहा विष्णुदेव साय से सरकार संभल नहीं रही है। न व्यवस्था समझ आ रहा है, न खाद बीज की व्यवस्था कर पा रहे है।
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ का पत्र आज ही उनके प्रतिनिधि मिला, और बताया कि अधिकारी सोसाइटी के कर्मचारियों को धमकी दी जा रही है, कि ये जो सुखत का जो अंतर है, जो सुख गया है, जो नुकसान हुआ है, उसके भरपाई तुम करो नहीं तो तुम्हारे खिलाफ एफआईआर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा के सामने में यदि कोई सुरक्षित नहीं है। चंदन जैसे कीमती पेड़ काट दिये जाये तो इसी से समझा जा सकता है कि सरकार कैसे चल रही है।
भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार परीक्षा नहीं ले पाती। चाहे नेट की बात करे, चाहे नीट की बात करे, शिक्षक पात्रता की परीक्षा उसमें भी गड़बड़ी हुई है। मुख्यमंत्री को पत्र लिखा उसके जवाब नहीं आया। वर्तमान मुख्यमंत्री को पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र लिखे उसमें कम से कम जवाब तो आना चाहिये क्या एक्शन लिये? जनहित का मुद्दा है। सैकड़ों बच्चों के भविष्य का सवाल है। न दिल्ली में, न छत्तीसगढ़ में, न उत्तर प्रदेश में कही भी परीक्षा नहीं ले पा रहे है।