जिला मुख्यालय से करीब 52 किमी दूर ग्राम पंचायत गरपा में नक्सलियों ने पुलिस कैम्प में काम करने का आरोप लगाकर गांव के 65 साल के बुजुर्ग मनकुराम मंडावी की जन अदालत लगाने के बाद गला घोंट कर मौत के घाट उतार दिया है।
नक्सली मनकुराम से साथ उनके बेटे मंगलूराम मंडावी और बहू जैनी बाई को भी मारने के लिए खोज रहे थे लेकिन बहू और बेटा को नक्सलियों के नापाक इरादे की भनक लग गई और बेटा और बहू घर से निकलकर जंगल की तरफ भाग गए और रात भर जंगल में समय गुजरने के बाद सोनपुर पहुंचे । वहां से बाजार गाड़ी में बैठ कर जिला मुख्यालय में शरण लिए हुए हैं।
शुक्रवार की शाम बेटे मंगलूराम के दुवारा कोतवाली में परलकोट एरिया कमेटी के तीस नामजद नक्सलियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया गया है। नईदुनिया से चर्चा में मंगलूराम ने बताया कि उनके पिता गांव के सबसे बुजुर्ग व्यति थे । नक्सलियों के दुवारा सोनपुर कैम्प के लिए जंगल कटाई करने और ग्रामीणों को कैम्प में काम करने के लिए भेजने का आरोप लगाकर जान से मार दिया ।
उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने उन्हें भी मारने के लिए गांव में दस्तक दी थी लेकिन वे अपनी पत्नी के साथ रात भर जंगल और पहाड़ों के सफर तय कर अपनी जान बचा पाए। वहीं एसपी जितेंद्र शुक्ल ने बताया कि नक्सलियों द्वारा आए दिन लोगों को मार कर दहशत फैलाने की कोशिश की जा रही है। गरपा के बुजुर्ग मनकुराम को बेवजह मारा गया है। सोनपुर कैम्प में कई गांव के लोग काम करने आए थे ।