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chhatisgarh : इस मानसून बरसेंगे बादल झूम झूम के, 4 महीने तक होगी झमाझम बारिश…

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chhatisgarh : इस मानसून बरसेंगे बादल झूम झूम के, 4 महीने तक होगी झमाझम बारिश…

इस मानसून बरसेंगे बादल झूम झूम के, 4 महीने तक होगी झमाझम बारिश

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने साल 2024 के लिए जारी पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल न केवल पूरे चार महीने मानसून रहेगा, बल्कि सामान्य से 106 फीसदी अधिक बारिश का अनुमान है. साल 2024 में पूरे भारत में सामान्य से अधिक बारिश होने से कृषि प्रधान भारतीय अर्थव्यवस्था, खेती और किसानी को लाभ मिलेगा.

IMD के मुताबिक इस मानसून मात्रात्मक रूप से पूरे देश में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) 106% होने की संभावना है.इस प्रकार पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसूनी वर्षा सामान्य से अधिक होने की संभावना है.

उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य, पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से नीचे बारिश

दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान बारिश मध्य भारत में और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक होने की संभावना है. वही, उत्तर-पश्चिम भारत में (एलपीए का 92-108%) सामान्य और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से नीचे (एलपीए का <94%) होने की संभावना है.

वर्षा पर निर्भर कृषि क्षेत्रों वाले मॉनसून कोर जोन में सामान्य से अधिक बारिश

देश के अधिकांश वर्षा पर निर्भर कृषि क्षेत्रों वाले मॉनसून कोर जोन में दक्षिण-पश्चिम मॉनसूनी वर्षा सामान्य से अधिक (एलपीए का >106%) होने की संभावना है. केवल उत्तर पश्चिम भारत के उत्तरी भाग के कई क्षेत्रों मसलन पूर्वोत्तर भारत और मध्य भारत के पूर्वी भाग और पूर्वी भारत के निकटवर्ती में जहां सामान्य से लेकर सामान्य से नीचे बारिश की संभावना है.

मानसून 2024 के पूर्वानुमान में 5 फीसदी कम ज्यादा हो सकता है

मौसम विभाग द्वारा जारी साल 2024 के माससून को लेकर जारी पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल करीब 106 फीसदी बारिश की संभावना है. हालांकि इसमें 5 फीसदी कम ज्यादा हो सकता है. पूर्वानुमान के मुताबिक पिछले 50 साल के आंकड़ों के अनुसार इस साल भारत में 87 सेमी बारिश होने की उम्मीद है.

बेहतर मानसून की वजह कमजोर हो रही अल नीनो प्रभाव

मौसम विभाग के मुताबिक साल 2024 में बेहतर मानसून की संभावना के पीछे अल नीनो प्रभाव है, जो धीरे-धीरे कमजोर हो रही है. इससे अगस्त -सितंबर के बीच ला नीना की स्थिति पैदा हो सकती है, जिसका अर्थ यह लगाया गया है कि इस वजह से बारिश सामान्य से अधिक हो सकती है.

कृषि प्रधान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सुखद संकेत

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) वर्षा सामान्य से अधिक औसत होने की संभावना है. हालांकि IMD मई 2024 के अंतिम सप्ताह में एक संशोधित मानसून पूर्वानुमान जारी करेगा. साल 2024 के लिए मानसून को लेकर किया गया पूर्वानुमान कृषि प्रधान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सुखद संकेत हैं.