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छत्तीसगढ़ : बस्तर में वन विभाग का कार्यालय सील, जिला कोर्ट के आदेश पर इस मामले में हुई कार्रवाई…

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छत्तीसगढ़ : बस्तर में वन विभाग का कार्यालय सील, जिला कोर्ट के आदेश पर इस मामले में हुई कार्रवाई…

छत्तीसगढ़ के बस्तर में जिला न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करना बस्तर जिला वन विभाग के अधिकारी को भारी पड़ गया. सोमवार (6 मई) को वन विभाग अधिकारी के कार्यालय को कोर्ट के आदेश पर सील कर दिया गया.

इसके अलावा जिला कलेक्टर कार्यालय को भी सील किया जा सकता है.

दरअसल, साल 2021 में जिले के सोनारपाल निवासी कमल कश्यप नामक व्यक्ति की फॉरेस्ट विभाग की गाड़ी से दुर्घटनावश मृत्यु हो गई थी. इसके बाद मृतक कमल के परिजनों ने क्षतिपूर्ति की राशि के लिए जिला कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसके बाद कोर्ट ने फरवरी 2023 में आदेश दिया कि वन विभाग और छत्तीसगढ़ शासन मिलकर एक करोड़ 84 लाख रुपये की मुआवजा राशि मृतक के परिजनों को दे. वहीं लगातार नोटिस भेजे जाने के बावजूद भी मुआवजा राशि का भुगतान नहीं करने पर सोमवार को जिला कोर्ट के आदेश पर डीएफओ कार्यालय को सील कर दिया गया है. बाकायदा कोर्ट के नजीर और उपस्थित स्टाफ के मौजूदगी में डीएफओ कार्यालय में सभी स्टाफ को बाहर निकालकर ताला लगाया गया. मृतक के परिजनों की पैरवी कर रहे अधिवक्ता नितिन जैन ने कहा कि मामला तीन सालों से लंबित चल रहा है.

मुआवजा राशि न देने पर हुई कार्रवाई
वहीं लगातार पीड़ित पक्ष के द्वारा जिला न्यायालय से मुआवजा राशि पाने के लिए पत्राचार किया जा रहा था. इस पर जिला वन अधिकारी के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया जा रहा था, जिसके चलते कोर्ट ने डीएफओ कार्यालय को सील करने के निर्देश दिए. हालांकि, इस मामले में जिला वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि जिला कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में अपील के लिए विभाग ने विधि विभाग को पत्र लिखा था. इसका जवाब अप्रैल 2024 में आया है और विभाग ने हाई कोर्ट में अपील भी दाखिल की है.

क्या कलेक्टर ऑफिस भी होगा सील?
वहीं लोकसभा चुनाव के चलते देश में आचार संहिता लागू है. इस वजह से वित्त के संबंध में शासन द्वारा राशि का आवंटन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में हाई कोर्ट द्वारा विभाग को मई 2024 तक का समय भी दिया गया है, लेकिन अचानक जिला कोर्ट से कार्यालय को सील कर दिया. इधर बताया जा रहा है कि वन विभाग कार्यालय जिला कलेक्टर के अधीनस्थ है, ऐसे में इस मामले में जिला कलेक्टर को भी पत्राचार किया गया था. आगामी दो दिन के अंदर अगर मुआवजा राशि कोर्ट में जमा नहीं की जाती है, तो जिला कोर्ट के द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय को भी सील किया जा सकता है.