छत्तीसगढ़ : बोरे बासी – छत्तीसगढ़ संस्कृति श्रमिकों के सम्मान में खाएंगे बोरे बासी;
श्रमवीरों के सम्मान में सभी एक मई को मजदूर दिवस के दिन बोरेबासी खाएंगे। लोगों ने अपील करते हुए आम आदमी भी इस दिन श्रम का सम्मान करते हुए पारंपरिक भोजन बोरे बासी को खाए और बोरे बासी खाते हुए अपनी तस्वीर सोशल मीडिया में अवश्य पोस्ट करें। बोरे बासी छत्तीसगढ़ की अस्मिता संस्कृति का प्रतीक है। यह हमारे किसानों, मजदूरों के सम्मान के साथ अपनी परंपरा पर अभिमान होगा। किसान और छत्तीसगढ़ संस्कृति रहे है। छत्तीसगढ़ की जनता को बोरे बासी के बारे में बताने की जरूरत नहीं है। प्रदेश की जनता सब जानती है कि बोरे बासी कैसे खाना है। यह रोज की दिनचर्या में शामिल हैं। छत्तीसगढ़ की परंपरा, संस्कृति व आचार-विचार का हिस्सा रहा है।
”बोरे बासी पर एक बार फिर भाजपा-कांग्रेस के बीच सियासत शुरू हो गई है। लोकसभा चुनावों के बीच बोरे बासी को कांग्रेस भुनाना चाह रही है, वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस का शिगूफा करार दिया है।”
”बोरे बासी पर सियासी स्वाद, बोरे बासी खाने की?
”यह सब जानते हैं कि बासी को कैसे खाया। कांटे वाले चम्मच से बोरे बासी खाना सीखे। छत्तीसगढ़ की संस्कृति सभ्यता को बढ़ाने का नहीं बल्कि कम करने का काम किया है।”