लगातार दो बार सत्ता में बने रहने के बाद आंतरिक तकरार और सत्ता विरोधी लहर की वजह से कांग्रेस के लिये मिजोरम में मुश्किल खड़ी होती दिख रही है। राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिजो नेशनल फ्रंट से कड़ी चुनौती मिलने के आसार है। बता दें कि मिजोरम में 28 नवंबर को चुनाव होने हैं आैर 11 दिसंबर को नतीजों की घोषणा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ललथनहवला ने हालही में आरोप लगाया कि उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगी आर ललजीरलियाना और ललरिनलियाना साइलो जब मंत्री थे तो ”भ्रष्ट” थे। लजीरलियाना प्रदेश के गृह मंत्री थे और उन्होंने 14 सितंबर को इस्तीफा दिया था।
कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति (डीएसी) द्वारा कारण बताओ नोटिस दिये जाने के बाद उन्हें 17 सितंबर को पार्टी से निकाल दिया गया था। पूर्व मंत्री साइलो के कांग्रेस पार्टी से हाल में दिए गए इस्तीफे को भी सत्ताधारी पार्टी के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है और ये नेता कांग्रेस के विरोध में उतर सकते हैं।
आपको बता दें कि कांग्रेस ने 2008 मिजोरम में सत्ता आर्इ थी तब से काबिज है। भाजपा ने अभी तक मिजोरम विधानसभा में एक भी सीट नहीं जीती है। जबकि राज्य में भाजपा पांच बार से अपने उम्मीदवार उतार रही है। मिजोरम कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इस बार भाजपा भी कांग्रेस का ये किला भेदने की कोशिश में है।