छत्तीसगढ़ : 18 लाख परिवारों को आवास दिया जाना है। राज्य सरकार का केंद्र को प्रस्ताव भेजा है।
गौरतलब है कि प्रदेश की नवगठित भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में 14 दिसंबर को 18 लाख गरीब परिवारों को आवास देने का पहला निर्णय लिया गया था।केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अगले पांच साल में ग्रामीण इलाकों में दो करोड़ और घर बनाए जाने का प्रविधान होने के बाद अब प्रदेश में भी यह राह आसान हो जाएगी।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 से पहले अपने संकल्प पत्र को मोदी की गारंटी के रूप में सार्वजनिक किया था। इसमें पार्टी ने वादा किया था कि पहली कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लंबित 18 लाख घरों का निर्माण पूरा करने के लिए धन-राशि का आवंटन करेंगे और दो वर्षों के अंदर छत्तीसगढ़ के प्रत्येक घर में पीने का पानी उपलब्ध कराएंगे।
प्रदेश में वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास के तहत कुल 18 लाख 75 हजार 585 हितग्राही केंद्र की सामाजिक- आर्थिक जाति जनगणना-2011 की स्थायी प्रतीक्षा सूची ग्रामीण में दर्ज हैं। इस सूची से वर्ष 2016-2023 तक कुल 11,76,146 हितग्राहियों को आवास की स्वीकृति मिली है।
इस प्रकार स्थायी प्रतीक्षा सूची 6,99,439 लक्ष्य प्राप्ति के लिए शेष है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए आवंटित 7,81,999 आवास के लक्ष्य को राज्यांश नहीं मिलने से वापस ले लिया था। साथ ही आवास प्लस के 8 लाख 19 हजार 999 हितग्राही परिवारो के लिए भी लक्ष्य नहीं मिल पाया था। अब राज्यांश और केंद्र सरकार से सहयोग मिलने पर ही आवास कार्य पूरा हो पाएगा।
राज्य में 18 लाख पीएम आवासों के निर्माण की घोषणाा की गई है, जिनके निर्माण में 21 हजार 600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें राज्य सरकार की हिस्सेदारी 8,600 करोड़ रुपये की होगी,वहीं केंद्र सरकार से 12960 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजेश सिंह राणा ने कहा, राज्य सरकार ने आवास योजना के तहत केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। अब बजट में प्रविधान होने से प्रदेश के हितग्राहियों को जल्द ही आवास मिलेगा।