नारायणपुर के अबूझमाड़ (Abujmarh) इलाके में पांच किलोवाट का रेडियो स्टेशन शुरू होने जा रहा है. यानी की अबूझमाड़ के लोग भी अब रेडियो स्टेशन के माध्यम से प्रधानमंत्री के मन की बात सुन सकेंगे.
दरअसल, अबूझमाड़ छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा इलाका कहा जाता है. इतना ही नहीं यह क्षेत्र पूरी तरह से नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. यही कारण है कि अब तक यहां रेडियो स्टेशन की पहुंच नहीं थी, लेकिन अब अबूझमाड़ के वासी भी रेडियो की आवाज सुन सकेंगे.
साथ ही आकाशवाणी केंद्र खुलने से यहां के लोग अपनी प्रतिभा भी दिखा सकेंगे. इसके लिए प्रसार भारती ने केंद्र निदेशक आकाशवाणी जगदलपुर से, नारायणपुर क्षेत्र की विस्तृत जानकारी मंगाई है. बहुत जल्दी नारायणपुर में भी गूंजेगा कि, यह आकाशवाणी का नारायणपुर केंद्र है. नारायणपुर जिले का रकबा 6 लाख 92 हजार 268 हेक्टेयर है. इस जिले में 104 पंचायत के अंतर्गत कुल 415 गांव हैं. यहां की कुल जनसंख्या 1 लाख 39 हजार 820 है. इसमें 1 लाख 17 हजार 714 आबादी ग्रामीण क्षेत्र की है.
अबूझमाड़ इलाका समृद्ध आदिवासी संस्कृति का गढ़ है. अबूझमाड़ इलाके का रकबा 4975.51 वर्ग किलोमीटर है. नक्सलियों का गढ़ होने की वजह से अभी भी यहां विकास कार्य नहीं पहुंच पाए हैं. हालांकि इन गांवों के किसानों को जरूर मसाहती पट्टा मिला है. साथ ही यहां अब धीरे-धीरे राशन दुकान और सड़कों का निर्माण कार्य भी शुरू किया जा रहा है. बता दें कि, प्रसार भारती द्वारा दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल में रेडियो स्टेशन शुरू करने के बाद अब नारायणपुर में भी पांच किलोवाट का आकाशवाणी केंद्र शुरू करने की तैयारी पूरी हो गई है.
अपनी अनेक विशेषताओं को समेटे नारायणपुर जिले का वंचित प्रचार प्रसार अब तक नहीं हो पाया है. संचार माध्यमों के अभाव में यहां की समृद्ध संस्कृति को सहजने वाले लोक कलाकारों और लोक गायकों को बेहतर मंच नहीं मिल पाया है. लंबे समय से नारायणपुर क्षेत्रवासी आकाशवाणी केंद्र की मांग करते आ रहे हैं. नारायणपुर में आकाशवाणी केंद्र की स्थापना से कोंडागांव, मर्दापाल ,अन्तागढ़, ताड़ोंकी, ओरछा, छोटे डोंगर, अबूझमाड़ और फरसगांव आदि क्षेत्र के लोगों को रेडियो स्टेशन से फायदा होगा.