राजधानी रायपुर की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग रांग साइड दोपहिया, चारपहिया वाहन चला रहे हैं। शार्टकट के चक्कर में सबसे अधिक दोपहिया चालक रांग साइड से निकलते हैं।
आइटीएमएस के कैमरे में रोज डेढ़ सौ से अधिक ऐसे वाहन कैद हो रहे हैं। इनके पते पर ई-चालान भेजा जा रहा है, फिर भी रांग साइड चलने वाले कम नहीं हो रहे हैं। लिहाजा नगर निगम के अमले ने शहर की तीन प्रमुख सड़कों रिंग रोड एक, फाफाडीह एक्सप्रेस-वे और गौरव पथ पर पुराना पुलिस मुख्यालय के पास टायर किलर ब्रेकर (Tire Killer Breakers) लगाया, जिससे रांग साइड चलने वाले वाहनों का टायर पंक्चर हो जाएगा।
एडिशनल एसपी ट्रैफिक सचिंद्र चौबे ने बताया कि शहर में रांग साइड वाहनों की आवा-जाही से लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। देश के कई बड़े शहरों में रांग साइड वाहन चलाने वालों को सबक सिखाने के लिए टायर किलर ब्रेकर लगाए गए हैं। रांग साइड गाड़ी चलाने पर टायर पंक्चर होने के साथ फट भी सकता है।
लापरवाही से गाड़ी ड्राइव करने वालों को सबक सिखाने के लिए रायपुर ट्रैफिक पुलिस ने भी टायर किलर ब्रेकर का जाल बिछाने की योजना बनाई थी, जिस पर अब अमल होना शुरू हुआ है। नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है।
टायर किलर ब्रेकर जीई रोड पर अवंति विहार की तरफ जाने वाले चौक और तेलीबांधा थाने के पास भी लगाया जाएगा। अन्य स्थानों का चिन्हांकन भी कर लिया गया है। प्रयोग सफल होने पर अन्य स्थानों पर भी लगाया जाएगा। एएसपी का कहना है कि वाहन चालक अपनी लेन में ही गाड़ी चलाएं, रांग साइड चलेंगे तो टायर किलर ब्रेकर गाड़ी का टायर पंक्चर कर देगा।
महानगरों में बेहतर रिजल्ट
देश के सभी महानगरों दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, देहरादून के साथ कई शहरों में टायर किलर ब्रेकर लगाए गए हैं। इसके बेहतर रिजल्ट सामने आए हैं। रांग साइड चलने वाले चालकों की संख्या में लगातार कमी आई है।
यहां लगा टायर किलर ब्रेकर
रिंग रोड नंबर एक पर काके दी हट्टी के बाजू में, एक्सप्रेस वे फाफाडीह वन वे अप साइड और गौरवपथ मल्टी लेवल पार्किंग के पास टायर किलर ब्रेकर लगाया जा चुका है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि यातायात विभाग से समन्वय कर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए टायर किलर ब्रेकर लगाया गया।
इससे जहां विपरीत दिशा में चलना लोग बंद करेंगे, यातायात व्यवस्था दुरुस्त होगा और दुर्घटना भी कम होगी। टायर किलर ब्रेकर से पूर्व सूचना बोर्ड भी लगाया गया है। यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तहत की गई। यह सफल होने पर सभी वन-वे मार्ग पर लगवाया जाएगा।