केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रभावित राज्यों को वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए केंद्र से सहायता दिये जाने पर सहमति बनी है। वहीं पुलिस आधुनिकीकरण के मुद्दे पर भी संबंधित राज्यों और केंद्र के बीच रजामंदी बनी है।
इसके साथ ही बस्तर में सामुदायिक परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए मनरेगा की व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। तय हुआ है कि राज्यों की जरूरतों के आधार पर उन्हें गतिविधियां संचालित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की गाइडलाइन में लचीलापन लाया जाए।
सड़कों के घनत्व को बढ़ाने और उनका उच्चीकरण करने पर भी सहमति बनी। लखनऊ स्थापित योजना भवन में हुई बैठक में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री राम सेवक पैकरा, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मध्यप्रदेश के गृह व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह के अलावा केंद्र और संबंधित राज्यों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने बताया कि कुल 22 मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें से 17 का समाधान हो गया है। तीन मुद्दों को हल करने के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। वहीं दो मामले लंबित हैं जिन्हें अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के सवा चार साल के कार्यकाल में अब तक क्षेत्रीय परिषदों की 12 बैठकें हो चुकी हैं। इनके अलावा स्टैंडिंग कमेटी की बैठकें भी हो चुकी हैं। इन बैठकों में कुल 680 मामलों पर विचार हुआ जिनमें से 428 मुद्दों का परस्पर बातचीत से हल निकाला जा चुका है।
इन मुद्दों का भी निकला हल
– हवाई अड्डों की अवस्थापना सुविधाओं में सुधार
– पोर्टा केबिन का छात्रावास की सुविधाओं से युक्त माध्यमिक विद्यालयों के रूप में उच्चीकरण
– छत्तीसगढ़ में हवाई टैक्सी सेवा
– छत्तीसगढ़ की नई राजधानी के लिए विशेष पैकेज
– अंतर्देशीय कंटेनर डिपो रायपुर में बिना टुकड़ों वाले स्क्रैप के आयात को मंजूरी
– सीसीटीएनएस के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और नए कार्यालयों को शामिल करना
– राज्यों में स्कूली शिक्षा से संबंधित मुद्दे
– राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति, 2005 से जुड़े मुद्दे।