Home News छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018- भाजपा के लिए मददगार है: जोगी

छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018- भाजपा के लिए मददगार है: जोगी

1
0

छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में जीत हासिल कर सत्‍ता की दहलीज तक पहुंचने के लिए कांग्रेस लंबे समय से हाथी पर सवार होने का सपना देख रही थी. लेकिन चुनाव से ठीक पहले अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्‍तीसगढ़ (जे) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के बीच हुए गठबंधन ने न केवल कांग्रेस के सपने को चकनाचूर कर दिया है, बल्कि सूबे के चुनावी मुकाबले को पूरी तरह से त्रिकोणीय बना दिया है. सूबे में जकांछ और बीएसपी के बीच हुए इस गठबंधन के पीछे अजीत जोगी के विधायक बेटे अमित जोगी की भूमिका अहम मानी जा रही है. गठबंधन के बाद अमित जोगी लगातार बीएसपी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर दोनों दलों की प्रचार नीति और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं. छत्‍तीसगढ़ में बदली हुई परिस्थितियों और आगामी चुनाव में जकांछ की रणनीति को लेकर जी डिटिजट के प्रिंसिपल कॉरेस्‍पोंडेंट अनूप कुमार मिश्र ने जनता कांग्रेस छत्‍तीसगढ़  के सह संस्‍थापक और विधायक अमित जोगी से बातचीत की. प्रस्‍तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश:

प्रश्‍न: मुख्‍यमंत्री डॉ रमन सिंह लगातार दावा कर रहे हैं कि उनके कार्यकाल में छत्‍तीसगढ़ को नई बुलंदियों तक पहुंचाया गया है. आप मुख्‍यमंत्री के दावों को किस तरह देखते हैं. 
जोगी: प्रदेश में बीते 15 सालों से डॉ. रमन सिंह के नेतृत्‍व वाली बीजेपी की सरकार है. इन 15 सालों में डॉ. रमन सिंह ने सिर्फ वादे और बातें ही की हैं. एक भी योजना जमीन पर नजर नहीं आ रही है. उन्‍होंने सूबे में विदेशी निवेश की बात कही. विदेशी निवेश के नाम पर वह लगातार विदेशों में भ्रमण करते रहे, लेकिन अभी तक एक रुपए का भी विदेशी निवेश छत्‍तीसगढ़ तक नहीं पहुंचा है. प्रदेश में हालत ऐसी है कि कमीशनबाजी का बोलबाला हो गया है. कोई भी काम बिना कमीशन के नहीं हो रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सूबे ने बीते 15 सालों में कितनी प्रगति की होगी.

प्रश्‍न: छत्‍तीसगढ़ की कानून व्‍यवस्‍था को लेकर आप लगातार मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह और बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं. आपकी नजर में सूबे की कानून व्‍यवस्‍था में कहां चूक है. 
जोगी: आज महिलाओं से अत्‍याचार के मामलों में छत्‍तीसगढ़ देश के टॉप तीन राज्‍यों में गिना जा रहा है. ह्यूमन ट्रैफिकिंग में मामले में भी छत्‍तीसगढ़ देश के टॉप तीन राज्‍यों में आ गया है. देश में नक्‍सली हिंसा कहीं सर्वोच्‍च स्‍तर पर है तो वह छत्‍तीसगढ़ में है. एक तरफ छत्‍तीसगढ को ले लीजिए और दूसरे तरफ देश के दूसरे सभी राज्‍यों को ले लीजिए, फिर भी छत्‍तीसगढ़ नक्‍सली वारदातों में सबसे आगे है. किसान आत्‍महत्‍याओं के मामले में हम देश के टॉप तीन राज्‍यों में पहुंच गए हैं. यही है प्रदेश की कानून व्‍यवस्‍था. डॉ. रमन सिंह बीते 15 सालों में नक्‍सली गतिविधियों सहित दूसरी आपराधिक गतिविधियों को रोकने में पूरी तरह से असफल रहे हैं.

प्रश्‍न: सूबे में बीजेपी के बाद जकांछ के लिए दूसरी सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस है. आमागी चुनावों में आप कांग्रेस को अपने लिए कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं. 
जोगी: कांग्रेस अब न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश में भी अप्रासंगिक हो गई है. कांग्रेस बीजेपी के लिए थ्रेट नहीं है, बल्कि एसेट है. इतिहास गवाह रहा है कि जहां-जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हुआ है, फायदा हमेशा बीजेपी को हुआ है. बीजेपी को कहीं रोका गया है तो क्षेत्रीय दलों की ताकत के द्वारा रोका गया है. चाहे वह बंगाल में ममता बनर्जी हो, चाहे ओडिशा में नवीन पटनायक हों, चाहे तमिलनाडु में सुश्री जयललिता जी रही हों. देश में जहां पर भी बीजेपी को रोका गया है, उसमें क्षेत्रीय दलों के गठबंधन की भूमिका अहम रही है. उत्‍तर प्रदेश ताजा उदाहरण है, जहां फूलपुर में उपचुनाव में क्षेत्रीय दलों के गठबंधन ने बीजेपी को परास्‍त किया है.

CH GRF

प्रश्‍न: अपनी सभी जनसभाओं में आप बीजेपी को बेरोजगारी और किसानों की बदहाली के मुद्दे पर घेरते आए हैं. प्रदेश में आपके गठबंधन की सरकार आती है तो इन दोनों मुद्दों को लेकर आपकी योजना क्‍या है?
जोगी: नौजवानों की बेरोजगारी का मुद्दा हो या किसानों की बदहाली की बात हो, दोनों मुद्दों में मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्‍व वाली बीजेपी सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है. मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह बीते 15 सालों के अपने शासनकाल में सिर्फ वादे और घोषणाएं करते हैं, लेकिन जमीन पर कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है. यदि सूबे में हमारी सरकार आती है तो हम सरकार गठन के पहले दिन ही किसानों के लिए तीन फैसले लेंगे, जिसमें धान का समर्थन मूल्‍य 2500रुपए, मुफ्त में बिजली और कर्जा माफी शामिल है. वहीं बेरोजगारी खत्‍म करने के लिए हम सरकारी नौकरियां में स्‍थानीय लोगों को 100 फीसदी का आरक्षण देंगे. जब तक आरक्षण नहीं मिलता है, तब तक हमारी सरकार नौजवान बेरोजगारों को हर महीने उनकी शैक्षणिक योग्‍यता के आधार पर बेरोजगारी भत्‍ता देगी.

प्रश्‍न: छत्‍तीसगढ़ में मुख्‍यमंत्री रमन सिंह अपनी शराब नीति और महंगाई को लेकर काफी आलोचना झेल रहे हैं.इन दोनों मुद्दों पर आपकी पार्टी का क्‍या रुख है?
जोगी: छत्‍तीसगढ़ में जकांछ और बीएसपी गठबंधन की सरकार बनते ही सबसे पहले पूरे प्रदेश में शराबबंदी का आदेश लागू किया जाएगा. पेट्रोल और डीजल की बड़ी कीमत से परेशान प्रदेश वासियों को निजात दिलाने के लिए हम राज्‍य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले एक्‍साइज और दूसरे सेस को आधा कर देंगे. महंगाई से निजात दिलाने के लिए जीएसटी में राज्‍य सरकार के हिस्‍से को आधा कर देंगे. इतना ही नहीं, जब भी किसी घर में बेटी का जन्‍म होगा, उस बेटी के नाम पर बैंक में खाता खोलकर एक लाख रुपए का एफडी भी हम जमा कराएंगे. इसके अलावा, जिस मकान में जो शख्‍स रह रहा हे उस जमीन का पट्टा हमारी सरकार उसे बना कर देगी.

प्रश्‍न: अक्‍सर देखने को मिलता है कि चुनाव से पहले सभी राजनैतिक दल बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन सत्‍ता मिलने के बाद वह अपने वादों को भूल जाते हैं. आपके साथ भी ऐसा तो नहीं होगा. 
जोगी: हमारे गठबंधन ने घोषणा पत्र और जुमलेबाजी को नकारते हुए देश की राजनीति में विश्‍वसनीयता लाने के लिए एक नया कदम उठाया है. इस कदम के तहत हमारे नेता अजीत जोगी ने 100 रुपए के स्‍टांप पेपर में एफीडेबिट भरा है कि जिस दिन वह मुख्‍यमंत्री की शपथ लेंगे, उसी दिन वह पांच आदेश पारित करेंगे. इन पांच आदेशों में किसान, बेरोजगारी, महंगाई, शराब नीति और बेघरों को घर देने की बात शामिल होगी. हमने प्रदेश की जनता को यह मौका दिया है कि यदि हमारी सरकार एक भी वादा पूरा नहीं कर पाती है तो वह सीधे-सीधे कोर्ट में हमारे नेता को चुनौती दे सकते हैं.

प्रश्‍न: आपने जकांछ और बीएसपी के रंग को मिलाकर नया झंडा बनाने की बात कही है. देश में पहली बार इस तरह का प्रयोग होगा. इस प्रयोग के पीछे का उद्देश्‍य क्‍या है?
जोगी: हम लोग एक होकर चुनाव लड़ रहे हैं. हाथी और हल अब दोनों कॉमन सिंबल हो गए हैं. कुछ सीटों में उनके प्रत्‍याशी लड़ेंगे और कुछ सीटों पर हमारे प्रत्‍याशी लड़ेंगे. चुनाव के दौरान दोनों दलों की प्रचार नीति, रणनीति और दूसरे मुद्दे हम आपसी सहमति से तय करेंगें. जहां तक प्रत्‍याशियों की बात है तो रायपुर में कल हम इसकी घोषणा कर चुके हैं. प्रत्‍याशियों के चयन में चाहे वह सिंबल हाथी का हो, या हल हो, हम लोग संयुक्‍त रूप से प्रत्‍याशी तय करेंगे.

प्रश्‍न: छत्‍तीसगढ़ को लेकर आपकी पार्टी का विजन क्‍या है? 
जोगी: छत्‍तीसगढ़ के लिए हमारा जो प्रमुख विजन है कि छत्‍तीगढ़ के फैसले छत्‍तीसगढ़ की धरती पर, छत्‍तीसगढ़ के लोगों के द्वारा ही होने चाहिए. दूसरा विजन, जब छत्‍तीसगढ‍़ का प्रतिनिधि दिल्‍ली जाता है, तो वह दरबारी बनकर जाता है. हम चाहते हैं कि हम दिल्‍ली दरबारी बनकर नहीं, बल्कि बराबरी से जाएं और बुलंदी से अपनी आवाज रखें. आज छत्‍तीसगढ़ के सारे फैसले दिल्‍ली और नागपुर में बैठे लोग कर रहे हें. हम चाहते हैं कि हम अपनी नीति के फैसले खुद यहीं पर लें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here