छत्तीसगढ़ : दो दिन पूर्व दुर्लभ वन्य जीव साही का शिकार के लिए रमकोला जंगल स्थित सुरंग में घुसे युवक की दम घुटने से मौत हो गई. ग्रामीणों की सूचना पर रविवार को डीआरएफ की टीम ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद सुरंग से युवक का शव निकाला.
अनुमान लगाया जा रहा है कि साही का शिकार करने के लिए युवक द्वारा सुरंग में किए गए धुएं के कारण दम घुटने से उसकी मौत हुई होगी.
रमकोला निवासी अलम कुमार पिता राम प्रसाद अगरिया 17 नवम्बर को अपने साथियों के साथ पास के जंगल में वन्य जीवों का शिकार करने गया था. जंगल में घूमने के दौरान युवक को दुर्लभ वन्य जीव साही की आवाज सुनकर पहाड़ की गुफा की ओर भागते दिखा. साही को भागते देख युवक भी उसके पीछे दौड़ा एवं सुरंग में देखा तो कुछ नजर नहीं आया. उसने आसपास जहरीले वनस्पतियों का पत्ता एकत्र किया और सुरंग के मुहाने पर पत्तों को जलाकर धुआं करने लगा.
सुरंग में घुसे वन्य जीवों को पकड़ने ग्रामीण सुरंग के मुहाने पर धुंआ करते हैं क्योंकि सुरंग में धुआं भरने से वन्य जीव का दम घुटने लगता है. जिससे वह बाहर की ओर भागता है तथा घात लगाए शिकारी उसे आसानी से पकड़ लेते हैं. लंबे समय तक सुरंग में धुंआ करने के बाद भी जब साही बाहर नहीं निकला तो धुंआ से उसकी मौत होने का अनुमान लगा युवक सुरंग में घुस गया. काफी समय तक इंतजार करने के बाद जब युवक सुरंग से नहीं निकला तो बाहर खड़े उसके साथी घर लौट गए तथा ऊपर से किसी को भी घटना की जानकारी नहीं दी. दो दिन तक युवक जब घर नहीं लौटा तो उसके साथियों ने पंचायत प्रतिनिधियों को घटना के बारे में बताया.
पंचायत प्रतिनिधियों ने युवक की मौत होने की संभावना व्यक्त करते हुए घटना से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों व डीआरएफ प्रभारी वीरबल गुप्ता नाइट विजन कैमरा, बीए सेट सहित अन्य अत्याधुनिक उपकरणों के साथ टीम लेकर घटनास्थल पर पहुंचे एवं घंटों मशक्कत के बाद सुरंग से युवक का शव निकाल रमकोला पुलिस के सुपुर्द किया. गुफा में दो दिनों तक पड़े रहने के कारण युवक का शव अकड़ गया था. अनमान लगाया जा रहा है कि जहरीले धुएं के कारण युवक की मौत हुई होगी. इस दौरान डीआरएफ टीम के बृज बिहारी गुप्ता, धनसाय, बेल प्रताप, देवनारायण, कृष्णा सिंह, महबूब आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई.
लगातार हो रहा अवैध शिकार
क्षेत्र के वनों में ग्रामीण लगातार वन्य जीवों का शिकार कर रहे हैं. वन्य जीवों का शिकार के लिए ग्रामीण आए दिन फंदा लगाते हैं. क्षेत्र में वन्य जीवों के शिकार के लिए करंट का फंदा लगाने एवं फंदे में फंस कर निर्दोष ग्रामीणों एवं हाथियों की मौत होने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है. विभाग द्वारा आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई भी की गई है इसके बावजूद क्षेत्र के जंगलों में ग्रामीणों द्वारा वन्य जीवों का अवैध शिकार करने की घटनाएं नहीं रुक रही है.