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छत्तीसगढ़ के चुनाव इतिहास में पहली बार दो वर्तमान विधायक आमने-सामने हैं…

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छत्तीसगढ़ के चुनाव इतिहास में पहली बार दो वर्तमान विधायक आमने-सामने हैं,

तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा द्वारा लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह को चुनाव में उतारे जाने से हो रहा है।

जोगी व्योमकेश त्रिवेदी सरकार के कार्यकाल में विधानसभा उपाध्यक्ष रहे धर्मजीत सिंह जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ होते हुए अब भाजपा में हैं।

भाजपा ने उन्हें लोरमी की जगह तखतपुर से प्रत्याशी बनाया है।

यहां उनका सामना कांग्रेस की वर्तमान विधायक व संसदीय सचिव डॉ. रश्मि आशीष सिंह से हो रहा है। एक समय कांग्रेस के दिग्गज नेता विद्याचरण शुक्ल के करीबी रहे दोनों नेताओं में हो रही सीधी भिड़ंत दिलचस्प हो रही है।

लोरमी विधानसभा क्षेत्र दिग्गज नेता धर्मजीत सिंह का अजेय गढ़ रहा है।

वर्ष 1988-89 में कृषि उपज मंडी पंडरिया कवर्धा के अध्यक्ष के रूप में राजनैतिक कैरियर का शुरुआत करने वाले धर्मजीत सिंह वर्ष 1998 में पहली बार लोरमी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उतरे,

उन्होंने भाजपा के मुनीराम साहू को 19 हजार वोट से पराजित किया।

उस समय धर्मजीत सिंह दिग्गज कांग्रेस नेता स्व. विद्याचरण शुक्ल के काफी करीबी माने जाते थे।

छत्तीसगढ़ बनने के बाद उनकी नजदीकियां पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी से हो गई।

तत्कालीन विस उपाध्यक्ष भाजपा के बनवारी लाल अग्रवाल के इस्तीफा देने के बाद वे विधानसभा के उपाध्यक्ष बनाए गए।

वर्ष 2003 में वे दूसरी बार लोरमी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए, उनकी जीत का सिलसिला जारी रहा और वर्ष 2008 में तीसरी बार उन्होंने सफलता अर्जित की।

वर्ष 2013 में धर्मजीत सिंह को भाजपा के तोखन साहू से हार का सामना करना पड़ा।

लोरमी विधानसभा क्षेत्र से लगातार चुनाव जीतने वाले धर्मजीत सिंह ने वर्ष 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री स्व.अजीत जोगी के साथ कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और वे जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में शामिल हो गए।

जकांछ प्रत्याशी के रूप में वर्ष 2018 में वे फिर लोरमी से चुनाव मैदान में उतरे और भाजपा के तोखन साहू को पराजित किया।

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद माना जा रहा था कि वे जकांछ प्रमुख के रूप में उभरेंगे, परन्तु समीकरणों में तेजी से बदलाव हुआ। धीरे धीरे उनके पार्टी छोड़ने की चर्चा चलने लगी, अगस्त 2023 में अंततः वे भाजपा में शामिल हो गए। अब भाजपा ने उन्हें लोरमी की जगह तखतपुर से चुनाव मैदान में उतार दिया है।

बदल जाएंगे समीकरण

ओबीसी और खासकर कुर्मी बहुल क्षेत्र तखतपुर में उसी का पलड़ा भारी रहता है, जिसे ओबीसी व कुर्मी वोटर्स का अधिक समर्थन मिलता है।

पिछले चुनाव में जकांछ प्रत्याशी के तौर पर संतोष कौशिक चुनाव मैदान में थे, इसलिए भाजपा और कांग्रेस का समीकरण पूरी तरह गड़बड़ा गया था।

इन दोनों पार्टियों के वोट जकांछ की ओर चले गए थे, परन्तु इस चुनाव में फिर समीकरण बदल जाएंगे।

कांग्रेस और भाजपा के परंपरागत वोटर फिर अपनी पार्टियों की ओर लौटेंगे, जिससे मुकाबला भारी हो जाएगा।

डा. रश्मि सिंह यहां से दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं, पारिवारिक तौर पर भी यह उनका पुराना क्षेत्र रहा है, वहीं धर्मजीत सिंह इस क्षेत्र से पहली बार चुनाव मैदान में हैं। देखना यही है कि चुनाव में इनमें से कौन बाजी मारता है।

वीसी के करीबी रहे हैं दोनों प्रत्याशी

भाजपा प्रत्याशी धर्मजीत सिंह एक समय दिग्गज कांग्रेस नेता स्व. विद्याचरण शुक्ल के काफी करीबी माने जाते रहे हैं,

मजेदार बात यह है कि उनके सामने चुनाव लड़ रहीं तखतपुर के ही पूर्व विधायक स्व. रोहिणी कुमार बाजपेयी की पुत्री व स्व. बलराम सिंह की बहू डा. रश्मि सिंह का • संबंध भी इसी गुट से रहा है।

स्व. रोहिणी कुमार बाजपेयी शुक्ल बंधुओं, विशेषकर स्व. श्यामाचरण शुक्ल के काफी करीबी माने जाते रहे हैं, इसी तरह स्व. बलराम सिंह स्व. शुक्ल के करीबी नेताओं में से एक रहे हैं।

वर्तमान में उनके पति आशीष सिंह कांग्रेस में विस अध्यक्ष डा. चरणदास महंत के करीबी माने जाते हैं, डा. महंत से धर्मजीत सिंह के भी अच्छे संबंध रहे हैं।

धर्मजीत सिंह और डा. रश्मि आशीष सिंह के आपस में भी पारिवारिक संबंध बहुत अच्छे रहे हैं।

अब इन दोनों करीबी नेताओं के आमने सामने चुनाव लड़ने से तखतपुर की चुनावी जंग काफी दिलचस्प हो गई है।

तखतपुर में इस बार है सीधी भिड़ंत

तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में आमतौर पर कांग्रेस और भाजपा में सीधी भिड़ंत होती रही है,

परन्तु वर्ष 2018 में इस क्षेत्र में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रत्याशी के चुनाव मैदान में होने से त्रिकोणीय संघर्ष हो गया था।

पिछले चुनाव में कांग्रेस की डा. रश्मि आशीष सिंह को 52 हजार 616 वोट मिले थे, वहीं दूसरे स्थान पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संतोष कौशिक थे, 49 हजार 625 मत प्राप्त कर उन्होंने न सिर्फ कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी,

वरन भाजपा की हर्षिता पाण्डेय को तीसरे स्थान पर धकेल दिया था। भाजपा की हर्षिता पाण्डेय को 45 हजार 622 मत प्राप्त हुए थे।

चुनाव के बाद जकांछ के संतोष कौशिक कांग्रेस में शामिल हो गए, इस चुनाव में वे कांग्रेस टिकट के दावेदार थे, परन्तु पार्टी ने विधायक डा. रश्मि आशीष सिंह को ही चुनाव मैदान में उतारा है।

संतोष कौशिक चुनाव मैदान से बाहर हैं, इसलिए इस चुनाव में फिर कांग्रेस और भाजपा में सीधी भिड़ंत हो रही है।