छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब जनता और भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं को घोषणा पत्र का इंतजार है।
कांग्रेस और बीजेपी घोषणा पत्र बनाने की कयावद में लगी हुई है। दोनों ही पार्टियों का घोषणा पत्र करीब करीब तय भी है, लेकिन दोनों ही पार्टियों धान की कीमत पर अपने-अपने पत्ते नहीं खोल रही हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर जनता की निगाहें भाजपा और कांग्रेस के घोषणा पत्र पर टिकी हुई हैं। पहले चरण का चुनाव 7 नवम्बर को है, लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी ने घोषणा पत्र जारी नहीं किया है।
सूत्रों के मुताबिक GFXIN बीजेपी का फोकस धान की कीमत के साथ मुफ्त शिक्षा, कर्मचारियों के नियमितिकरण, आयुष्मान योजना को ओडिशा की तर्ज पर लागू करने और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर है। बीजेपी घोषणा पत्र समिति के सदस्य चंद्रशेखर साहू का कहना है कि हमारे पास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के धान, किसान और गोबर का तोड़ है।
कांग्रेस का फोकस धान की कीमत के बाद किसानों की कर्जमाफी और गोबर खरीदी का दाम बढ़ाने पर है, साथ ही जाति जनगणना, आवास योजना, महंगाई कम करने पर भी फोकस रहेगा। इसके लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का वादा हो सकता है।
घोषणा पत्र को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी पर कसा तंज
इस बार कांग्रेस की तर्ज पर बीजेपी ने भी जनता से सुझाव लेकर अपने घोषणा पत्र को तैयार किया है। बीजेपी का दावा है कि जन घोषणा पत्र जनभावना के अनुरूप होगा, और भाजपा उन्हीं वादों को शामिल करेगी, जिसे वो धरातल पर पूरा कर सकेगी। तो वहीं कांग्रेस का दावा है कि पिछले चुनाव की तरह इस बार भी जनता कांग्रेस के घोषणा पत्र पर विश्वास जताकर सत्ता में काबिज होगी। फिलहाल चुनावी सरगर्मियों के बीच घोषणा पत्र को लेकर वेट एंड वॉच के हालात हैं।