छत्तीसगढ़ में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से यहां शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराना पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है.
यही वजह है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स को बस्तर में तैनात किया जाता है. यह जवान अति संवेदनशील क्षेत्रों में स्थित मतदान केंद्रों और पोलिंग पार्टी की सुरक्षा में लगे रहते हैं. वहीं इस बार यहां अति संवेदनशील क्षेत्रों में जवानों के साथ-साथ स्थानीय महिला कमांडोज भी सुरक्षा की कमान संभालेंगी. जिला पुलिस बल ने स्थानीय स्तर पर महिलाओं की पुलिस में भर्ती की है, जिन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है. इन्हें महिला कमांडो के नाम से जाना जाता है.
इन्हें दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी फाइटर्स और सुकमा में दुर्गा फाइटर्स के नाम से जाना जाता है. साथ ही हाल ही में बस्तर फाइटर्स में भी अलग-अलग जिलों से महिलाओं की भर्ती की गई है. खासकर सुकमा और दंतेवाड़ा में हर रोज बड़ी संख्या में स्थानीय महिला कमांडो जवानों के साथ नक्सल विरोधी अभियान में हिस्सा ले रही हैं. यहीं नहीं नक्सलियों से लोहा लेने के दौरान पिछले कुछ सालों से इन महिला कमांडोज को कई बड़ी उपलब्धियां भी हासिल हुई हैं. यही वजह है कि इस बार विधानसभा चुनाव में सुरक्षा के लिए बस्तर संभाग में एक हजार से ज्यादा महिला कमांडोज को अति संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किए जाने की योजना बनाई गई है.
महिला कमांडोज को हैदराबाद में दी गई है स्पेशल ट्रेनिंग
दरअसल, बस्तर के संवेदनशील इलाकों में 50 हजार से ज्यादा सीआरपीएफ, आईटीबीपी और अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया है. इन जवानों को नक्सल विरोधी अभियान में सफलता भी मिल रही है. इसके साथ-साथ बस्तर पुलिस ने स्थानीय स्तर पर भी युवक-युवतियों की पुलिस में भर्ती की है, ताकि स्थानीय नक्सलियों को उन्हीं के क्षेत्र में इन स्थानीय युवक-युवतियों के द्वारा मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. बस्तर पुलिस ने इस भर्ती में महिलाओं को खास प्राथमिकता देते हुए स्थानीय स्तर पर भर्ती करने के साथ उन्हें नक्सल मोर्चे पर तैनाती के लिए स्पेशल ट्रेनिंग भी दी है. बकायदा एक हजार से ज्यादा महिला कमांडो नक्सलियों से लोहा लेने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं. इन्हें हैदराबाद में स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है.
महिलाओं का विश्वास भी जीत रहीं महिला कमांडोज
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में इन महिला कमांडोज की तैनाती की गई है और इन्हें अलग-अलग नाम भी दिया गया है. अब यह महिलाएं नक्सल विरोधी अभियान में भी हिस्सा ले रही हैं और अंदरूनी क्षेत्रों में बकायदा ऑपरेशन भी लॉन्च कर रही हैं. खासकर इन महिला कमांडोज की तैनाती से स्थानीय महिलाओं और युवतियों का पुलिस के प्रति विश्वास भी बढ़ा है. वहीं महिला कमांडोज भी इनका विश्वास जीतने में कामयाब हो रही हैं. यही वजह है कि इस बार विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए इन महिला कमांडोज की भी ड्यूटी नक्सल प्रभावित इलाकों में लगाई जा रही है.
महिला कमांडोज को दी जा रही ट्रेनिंग
आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि इन महिला कमांडोज को चुनाव संबंधी सुरक्षा की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इनकी ड्यूटी पोलिंग पार्टी को सुरक्षित मतदान केंद्रों तक पहुंचाना और अंदरूनी क्षेत्रों में मतदान केंद्रों की सुरक्षा की है. साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में गश्त करने का भी जिम्मा इन महिला कमांडोज को दिया जा रहा है. हालांकि सुरक्षा के लिहाज से इन महिला कमांडोज की तैनाती कहां और कितनी संख्या में होगी, इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती है, लेकिन विधानसभा चुनाव में बस्तर में होने वाले प्रथम चरण के चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने के लिए ये महिला कमांडोज अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
आईजी ने बताया कि महिला कमांडो की तैनाती के बाद से नक्सली इलाकों में रहने वाली महिलाएं और युवतियां अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही हैं. यह महिला कमांडोज नक्सल विरोधी अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव में इन महिला कमांडोज की तैनाती के बाद न सिर्फ अंदरूनी इलाकों में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव सम्पन्न हो सकेगा, बल्कि इन महिला कमांडोज को देखकर गांव की महिलाएं और युवतियों का भी चुनाव में मतदान के प्रति विश्वास बढ़ेगा.