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कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में एक दर्जन से अधिक हिरणों की संदेहास्पद मौत!

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छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले का कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक बार फिर सुखिर्यों में है. इस बार ये अपनी खूबसूरती के लिए नहीं, बल्कि नियमों के विपरीत बनाए गए डियर पार्क में रखे हिरणों की मौत की वजह से सूखिर्यों में है. खबर है कि आधे-अधूरे इंतजाम के बीच पार्क में लाकर रखे गए करीब एक दर्जन से भी ज्यादा हिरणों की संदेहास्पद मौत हो गई है. मामले की लीपापोती करने में पार्क की देखरेख करने वाले जिम्मेदार जुटे हुए है. इस पूरे घटनाक्रम में चौकाने वाली बात ये है कि घटना की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई इसलिए नहीं हो पा रही है.

बीते कुछ समय से कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में कई पशु-पशियों की मौत हो रही है. उद्यान में राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के संवधर्न और संरक्षण के नाम पर लाखों रुपए का बंदरबाट किया गया. काफी दिनों तक पहाड़ी मैना के प्रजनन को लेकर रिपोर्ट तैयार हुई. पहाड़ी मैना को पालने और उनकी संख्या बढ़ाने के नाम पर मैना को पिंजरे में कैद किया गया जिससे कई पहाड़ी मैना की मौत हो गई. इस प्रोजेक्ट के बाद बड़े गुपचुप तरीके से करीब पांच-छह साल पहले कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर एक डियर पार्क का निर्माण करोड़ों रुपए की लागत से किया गया. जिस इलाके में डियर पार्क को बनाया गया वह इलाका घनघोर जंगल के बीचो बीच है. वहां पानी तक की सुविधा नहीं है जिसके चलते एक दर्जन से भी ज्यादा हिरणों की मौत हो गई.

उद्यान के एक पूर्व कर्मचारी के मुताबिक जब अफसरों को हिरणों के मौत की सूचना दी गई तो उन्होंने उसे नौकरी से निकाल दिया. दाना पानी नहीं मिलने के कारण एक दर्जन से भी जयादा हिरणों की मौत हुई. गोपनीय तरीके से हिरणों को डियर पार्क के किनारे जंगल में जला दिया गया. पूर्व कर्मचारी के मुताबिक डियर पार्क में रखे 72 हिरणों में से ज्यादातर की मौत भूख प्यास से हुई.

विभागीय सूत्रों की माने तो इस तरह के डीयर पार्क की अनुमति जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया से नहीं है. यही वजह है कि जब इतनी बड़ी संख्या में हिरणों की मौत का मामला सामने आया तो विभाग में हड़कम्प मच गया. चौंकाने वाला मामला ये है कि इस मामले की जांच करने जा रही डिप्टी डायरेक्टर पर कुछ कथित ग्रामीणों द्वारा हमला करने की कोशिश की गयी. जान पर खतरा होने की वजह से आज तक डिप्टी डायरेक्टर इसकी जांच करने नहीं गईं और न ही उद्यान की देखरेख करने वालों ने आज तक किसी तरह का कोई रिपेार्ट सौंपा है.

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