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फिल्म आदिपुरुष रिलीज के दिन से ही विवादों में घिर गई। ‘भगवान राम और हनुमान के संवाद और इस तरीके से दिखाकर धार्मिक भावनाओं का आहत, फिल्म पर भड़के CM बघेल…

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फिल्म आदिपुरुष रिलीज के दिन से ही विवादों में घिर गई। फिल्म में एक्टिंग और डायलॉग के चलते इस मूवी की जमकर किरकिरी हो रही है। वहीं, लोग इस बात पर भी भड़क रहे हैं कि भगवान राम और हनुमान के संवाद और इस तरीके से दिखाकर धार्मिक भावनाओं को आहत किया जा रहा है।

भाजपा, कांग्रेस और आप समेत सभी दलों ने फिल्म पर जमकर निशाना साधा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आजकल हमारे जितने भी आराध्य देव हैं उनकी छवि बिगाड़ने का काम हो रहा है। हमने भगवान राम और हनुमान के कोमल चेहरे को भक्ति में सराबोर देखा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस छवि को बदलने का प्रयास किया जा रहा है …लेकिन इस फिल्म में भगवान राम को ‘युद्धक’ (योद्धा) राम और हनुमान को ‘एंग्री बर्ड’ के रूप में दिखाया गया है।”

क्यों चुप है भाजपा: बघेल

उन्होंने कहा ,”न तो हमारे पूर्वजों ने भगवान हनुमान की ऐसी छवि की कल्पना की है और न ही हमारा समाज इसे स्वीकार करता है।” भाजपा पर उसका नाम लिए बिना निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ”यह पूछना चाहता हूं कि जो राजनीतिक दल धर्म के ठेकेदार बनते हैं वे इस मामले में मौन क्यों हैं। कश्मीर फाइल्स और केरल स्टोरी पर बयान देते रहे भाजपा नेता ‘आदिपुरुष’ पर खामोश क्यों हैं।”

फिल्म के डायलॉग को लेकर CM बघेल ने कहा, ”फिल्म में संवाद और भाषा अमर्यादित है। तुलसीदास जी की रामायण में भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में चित्रित किया गया है और सभ्य भाषा का प्रयोग किया गया है। आदिपुरुष में किरदारों के बहुत ही निम्न स्तर के संवाद हैं।”

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आपको याद होगा कि जब राजीव गांधी जी प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने रामानंद सागर जी को बोलकर रामायण सीरियल बनवाया था, जो काफी लोकप्रिय हुआ था। उस समय बाजार बंद हो जाया करते थे। उनके एक-एक शब्द देखिए। आदिपुरुष के बहाने भगवान राम और हनुमान की तस्वीरों को विकृत करने का काम किया गया और पात्रों के मुंह में अभद्र शब्द डाले गए। यदि आज की पीढ़ी देखेगी उस पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

बजरंगबली नहीं बजरंग दल की भाषा

बजरंग दल पर सियासी हमला बोलते हुए CM बघेल ने कहा कि फिल्म में बजरंगबली के मुंह से वे शब्द बोलवाए जा रहे हैं जो बजरंग दल के लोग प्रयोग करते हैं। फिल्म में वैसी ही भाषा का प्रयोग किया गया। भाजपा और हिंदूवादी संगठनों की चुप्पी पर भी भूपेश बघेल ने सवाल उठाए।

वहीं, दूरदर्शन पर प्रसारित लोकप्रिय ‘रामायण’ धारावाहिक के निर्देशकों में शामिल रहे रामानंद सागर के बेटे मोती सागर ने कहा कि पौराणिक महाकाव्य को बड़े पर्दे पर उतारने के दौरान ‘आदिपुरुष’ के निर्माताओं को अधिक ‘सतर्क रहना’ चाहिए था। पिता रामानंद सागर और भाई प्रेम सागर के साथ वर्ष 1987 में ‘रामायण’ के सेट पर काम कर चुके मोती सागर ने कहा, ”जिन संवादों के बारे में मैंने समाचार और ट्विटर पर पढ़ा है, उसे देखकर कह सकता हूं कि उन्हें सतर्क रहना चाहिए।”