14 मई की रात 11 बजे गुप्तेश्वर पांडेय ने करीब 1 घंटे तक धीरेंद्र शास्त्री से बात की थी।
गुप्तेश्वर पांडेय की मानें तो उन्होंने रामानुजाचार्य परंपरा के विस्तार का संकल्प लिया है। ग़ौरतलब है कि वह त्रिदंडी स्वामी के परम शिष्य लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी के सामने यह संकल्प लिया है। वह अपनी बची हुई ज़िंदगी रामानुजाचार्य परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित कर चुके हैं।
झारखंड के गढ़वपा जिला के पाल्हे जतपुरा गांव (गनगउंटारी ब्लॉक) में हो रहे लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में शिरकत करने के लिए जीयर स्वामी 4 जून से मौजूद हैं। चर्चा तेज़ है कि अब बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर महाराज के नाम से जाने जाएंगे।
गुप्तेश्वर पांडेय जून या फिर जुलाई महीने से महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में सनतान धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए यात्रा पर निकलेंगे। इसके बाद वह अगस्त में विदेशों में सनातन धर्मा का प्रचार प्रसार करने के लिए दौरे पर जाएंगे। मिली जानकारी के मुताबिक वह स्कॉटलैंड और इंग्लैंड में सनातन घर्म का प्रचार करेंगे।
सितंबर में मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया), सिडनी में आध्यात्मिक दौरा करेंगे। वहीं फिजी में रामकथा भी सुनाएंगे। ग़ौरतलब है कि बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री को गुप्तेश्वर पांडेय बहुत मानते हैं। आपको बता दें कि एक समया था जब यह चर्चा तेज़ थी कि गुप्तेश्वर पांडेय सियासत में कदम रखेंगे।
जनवरी 2019 में गुप्तेश्वर पांडेय को बिहार डीजीपी की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। 28 फरवरी 2021 को उनका कार्यकाल भी ख़त्म हो रहा था। वहीं उन्होंने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले ही रिटायरमेंट फैसला कर लिया था। वीआरएस के लिए उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी आवेदन दिया था। बक्सर लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिला, इसके बाद उन्होंने वीआरएस आवेदन वापस ले लिया था।