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Chhattisgarh Election 2023 : चुनाव से पहले कांग्रेस की बढ़ी चिंता, बीजेपी को चैलेंज, छत्तीसगढ़ पर राजनीतिक दलों की नज़र

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Chhattisgarh Elections 2023: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होना है और इस चुनाव को लेकर बीजेपी -कांग्रेस के साथ ही अन्य राजनीतिक दलों ने भी तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन वही अब सर्व आदिवासी समाज के द्वारा भी इस विधानसभा चुनाव में अपने प्रतिनिधि को चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा के बाद कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं की चिंता बढ़ गई है.

बताया जा रहा है कि प्रदेश के 29 विधानसभा सीटों में सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि चुनावी मैदान में उतरेंगे, इसकी घोषणा के साथ ही सियासी दलों में हलचल शुरू हो गई है, कांग्रेस और बीजेपी के आदिवासी नेता विभिन्न विधानसभा सीटों पर अपने-अपने समीकरण देखने लगे हैं .कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे अरविंद नेताम द्वारा सर्व आदिवासी समाज के द्वारा चुनाव लड़ने की मुहिम की अगुवाई पर अब कांग्रेस उन पर हमला बोल रही है.

कवासी लखमा ने पार्टी के पुराने नेताओं से की तुलना

छत्तीसगढ़ के चुनावी संग्राम में सर्व आदिवासी समाज अलग पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में उतरेगा या फिर निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थन करेगा इसे लेकर कशमकश जारी है, लेकिन कांग्रेस अपने सीनियर नेता अरविंद नेताम पर आक्रामक हो गई है. प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अरविंद नेताम को अपना राजनीतिक गुरु बताते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी ने उनके परिवार को बहुत कुछ दिया है. जब वे सक्षम थे तब उन्होंने बस्तर और आदिवासियों के हित के लिए कुछ नहीं किया और अब इस उम्र में वह आदिवासी समाज की दुहाई दे रहे हैं यह काफी गंभीर मामला है.

सर्व आदिवासी समाज के नाम पर चुनाव लड़ने और अलग पार्टी बनाने पर कवासी लखमा ने कहा कि उनका भी हाल पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, विद्याचरण शुक्ल और ताराचंद साहू की तरह होगा. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले बस्तर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अरविंद नेताम पर निशाना साधा था और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था और इसकी शिकायत ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के हाईकमान से भी की थी.

चुनाव लड़ने को लेकर बीजेपी के नेताओ ने किया स्वागत

माना यह जा रहा है कि अरविंद नेताम की सक्रियता ना केवल कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी बल्कि कई सीटों पर चुनावी गणित भी बदलने का काम करेगी. यही वजह है कि कांग्रेस लगातार उन पर हमला बोल रही है. इधर भारतीय जनता पार्टी में भी रह चुके अरविंद नेताम की बीजेपी में वापसी को लेकर बीजेपी नेताओं ने इससे इंकार किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई संपर्क उनसे नहीं किया गया है और ना ही उनसे चुनाव लड़ने पर कोई बात की गई है. अगर वे चुनाव लड़ते हैं तो अच्छी बात है. वहीं इस मामले में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है और सर्व आदिवासी समाज को कांग्रेसियों से मिल रही नसीहत को अपमान बताया है.

चुनाव लड़ने की तैयारी है पूरी

इधर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 15 सालों तक बीजेपी सरकार में थी. इस दौरान छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के उत्थान के लिए कोई कार्य नहीं किया गया और वहीं अब बीते साढ़े 4 साल से कांग्रेस की सरकार है लेकिन इस सरकार ने भी आदिवासियों के जल ,जंगल, जमीन को बचाने कोई प्रयास नहीं किया. ,आदिवासियों की स्थिति जस की तस बनी हुई हैय. विकास के नाम पर केवल भ्रष्टाचार हो रहा है.

उन्होंने कहा कि यही वजह है कि सर्व आदिवासी समाज ने विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया है और 29 विधानसभा सीटों में अपने प्रतिनिधि उतारने पर भी विचार कर रही है. आने वाले दिनों में इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी लेकिन सर्व आदिवासी समाज की तैयारी पूरी है.