भारत के माथे पर मणि समान शोभायमान है मणिपुर। इस का 67 फीसदी हिस्सा खूबसूरत फूलों, हरीभरी वनस्पतियों और जंगलों से अटा पड़ा है। ये जंगल 900 मीटर से ले कर 2,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। यहां पाया जाने वाला सिरोई लिली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां लगभग 500 प्रकार के ऑर्किड के पौधे पाए जाते हैं। रंगबिरंगे और्किड के फूल यहां की फिजा में चारचांद लगाते हैं।

यहां के हर घर में देखने को मिलेंगे ऑर्किड फूलों के गुलदस्ते
आमतौर पर यहां के सभी घरों में रंगबिरंगे ऑर्किड फूलों के गुलदस्ते देखने को मिल जाएंगे। यही नहीं, यहां की महिलाएं अपने बालों को ऑर्किड के फूलों से सजाती हैं। जंगल के जीवजंतुओं में खास हैं-स्पाॅटेड लिंगशांग, बारबैक्ड कबूतर, लेपर्ड, बर्मी आदि। यहां कई किस्म के दुर्लभ पशुपक्षी भी पाए जाते हैं।

मणिपुर का खास आकर्षण
इंफाल में मणिपुरी संस्कृति का पूरा नजारा देखने को मिल सकता है। टिकेंजित पार्क यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मारे गए ब्रिटिश-भारतीय सैनिकों की याद में यहां एक स्मारक है। यह स्मारक शहीद मीनार कहलाता है। इस के अलावा मोइरांग के रास्ते पर एक जापानी युद्ध स्मारक भी है।

यहां चिडि़याघर, म्यूजियम और विश्व का एकमात्र तैरता हुआ पार्क भी है। यह पार्क केइबल लामजाओ नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है। यहां के लोकटक और सैंट्रा नामक टापुओं को देखने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। मणिपुर के खास आकर्षण यहां की मार्शल आर्ट, नृत्य और मूर्तिकला हैं।
एेसे जाएं मणिपुर
नागालैंड की सैर के बाद कोहिमा से सड़क के रास्ते मणिपुर जाया जा सकता है। कोहिमा से चलने वाली बस सीधे इंफाल पहुंचाती है।