
वर्ष 1818 में हुई कोरेगांव भीमा लड़ाई के 200 साल होने पर पिछले साल 31 दिसंबर को एल्गार परिषद घटनाक्रम के सिलसिले में जून में गिरफ्तार पांच लोगों में से एक के घर पर पुलिस की तलाशी के दौरान जब्त पत्र में राव का नाम आया था। घटना के बाद विश्रामबाग थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, कार्यक्रम में कथित तौर पर ‘भड़काऊ’ टिप्पणी करने के बाद जिले के कोरेगांव भीमा गांव में हिंसा हुई थी। इसके बाद माओवादियों से जुड़ाव के आरोप में जून में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।

जून में एक साथ छापे के बाद दलित कार्यकर्त्ता सुधीर धावले को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया गया जबकि वकील सुरेंद्र गाडलिंग, कार्यकर्त्ता महेश राऊत और शोमा सेन को नागपुर से और रोना विल्सन को दिल्ली में मुनीरका में उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए पांचों लोगों और उनके साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के घरों पर छानबीन की गई। पुलिस को एक आरोपी के घर से ऐसा पत्र मिला था, जिसमें राजीव गांधी की हत्या जैसी प्लानिंग का जिक्र था। इस पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की बात भी कही गई थी।
