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Rahul Gandhi को मिली है जमानत, लेकिन माननी होंगी ये शर्तें; मानहानि केस में अब इस दिन होगा बड़ा फैसला….

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Rahul Gandhi Defamation Case: गुजरात (Gujarat) के सूरत सेशंस कोर्ट ने मानहानि केस (Defamation Case) में अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ याचिका दायर करने पर कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जमानत दे दी है, पर इसके साथ ही अदालत ने कुछ शर्तें रख दी हैं.

सुनवाई के दौरान जरूरत पड़ने पर राहुल गांधी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा जमानत का नाजायज फायदा नहीं उठाएंगे. वे इस तरह का दूसरा अपराध नहीं करेंगे. बता दें कि राहुल गांधी को मोदी सरनेम पर उनकी साल 2019 की टिप्पणी पर निचली अदालत ने 2 साल की जेल की सजा सुनाई थी. सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता को अयोग्य घोषित कर दिया गया. इसके बाद राहुल गांधी एजिशनल सेशंस जज आरपी मोगेरा की कोर्ट में पेश हुए. वहां से राहुल गांधी को 15 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिल गई.

शिकायतकर्ता को जारी हुआ नोटिस

जान लें कि सूरत सेशंस कोर्ट ने शिकायतकर्ता बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी को दोषसिद्धि के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका पर एक नोटिस जारी किया है. कोर्ट राहुल गांधी की दोषसिद्धि और सजा के निलंबन के खिलाफ याचिका पर 13 अप्रैल को सुनवाई करेगा. राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला ने बताया कि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को 10 अप्रैल तक जवाब दाखिल करना होगा और अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी.

गुजरात सरकार भी बनी प्रतिवादी

बता दें कि इस मामले में प्रतिवादी गुजरात सरकार को भी बनाया गया है. सूरत सेशंस कोर्ट ने इसके लिए नोटिस भी जारी किया है. हालांकि, राहुल गांधी को कोर्ट ने व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है. राहुल गांधी ने इसके लिए कोर्ट से अनुरोध किया था. जमानत मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि वह ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें सत्य ही उनका अस्त्र है.

क्या है मानहानि का पूरा मामला?

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए ये बयान दिया था. फिर इस टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए गुजरात के पूर्व मंत्री ने केस दर्ज कराया था. 23 मार्च को राहुल गांधी को इस मामले में दोषी ठहराया गया और 2 साल की सजा सुना दी गई. फिर अदालत के फैसले के अगले दि राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी.