प्रदेशभर के पटवारियों ने अपनी मांग को लेकर भुइयां सॉफ्टवेयर का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। शासन ने भईया सॉफ्टवेयर में बदलाव कर दिया है। पटवारियों का दावा है कि इससे काम-काज में तकनीकी दिक्कत आ रही हैं। संघ ने शासन से साफ्टवेयर में सुधार करने के लिए 10 सूत्रीय मांग की है। पटवारियों ने शासन को एक सप्ताह का समय दिया है। यदि एक सप्ताह में उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ के बैनर तले 12 से 16 नवंबर तक भुईंया साफ्टवेयर के अंतर्गत काम नहीं करेंगे।
इससे भू-राजस्व संबंधित काम पूरी तरह से ठप हो जाएगा। अफसरों का कहना है कि पटवारियों की मांग का पूरा ब्योरा वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष भेज दिया गया है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारी ही निर्णय लेंगे। प्रदेशभर में 5000 हजार तो वहीं रायपुर में 238 पटवारी हैं। पटवारियों के कार्य से संबंधित सभी रिकार्ड ऑनलाइन भुईयां सॉफ्टवेयर में दर्ज हैं।
इससे भू-स्वामियों को घर बैठे अपनी जमीन की सारी जानकारी ऑनलाइन मिल जाती है। एनआईसी द्वारा समय-समय पर इसे अपडेट किया जाता है, लेकिन वर्तमान में पटवारियों को ऑनलाइन काम करने, रिकार्ड जांचने में दिक्कत आ रही है। विभाग सॉफ्टवेयर तो अपडेट कर देता है, लेकिन पटवारियों को उसके संबंध में जानकारी नहीं दी जाती है। इससे परेशान होकर वह बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
इससे भू-राजस्व संबंधित जैसे नकल, ऑनलाइन दुरूस्तीकरण, नामांतरण में दिक्कत आएगी।
4 माह पहले भी हड़ताल पटवारी संघ के मुताबिक कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले चार माह पहले हड़ताल हुई थी। इसमें पटवारी संघ ने करीब 18 दिन तक हड़ताल किया था। इस दौरान भू-राजस्व संबंधित काम पेडिंग हो गए थे। इसको पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय देना पड़ा तब जाकर करीब दो सप्ताह में काम पूरा हो पाया। अब फिर हड़ताल से लोग परेशान होंगे।
जानिए पटवारियों की प्रमुख मांगें
– पटवारियों के पास, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
– धान खरीदी के दौरान पटवारी आईडी में किसी भी खसरा का मूल रकबा बढ़ाने संबंधित आप्शन नहीं है।
– धान खरीदी के समय हर साल सॉफ्टवेयर में बदलाव करने के कारण भुईंयां में मौजूद डाटा या तो बदल जाते हैं।
– खसरा नंबर में क, ख, ग, अक्षर वाले खसरा नंबर त्रुटिपूर्ण खसरे में गिना जाता है, जो भुईंयां सॉफ्टवेयर की बहुत बड़ी कमी है, क्योंकि ऐसे खसरा नंबर पूर्व से ही अभिलेखों में दर्ज चले आ रहे हैं। इसके बारे में आज तक कोई सुधार नहीं किया जा सका है।
– जिले स्तर पर सहायक प्रोग्रामरों की पदस्थापना की जाए। वर्तमान में छोटी-छोटी समस्या के लिए प्रोग्रामरों के निर्देशन की आवश्यकता पड़ती है एवं बार-बार रायपुर बुलाया जाता है जो व्यवहारिक नहीं है।
वर्जन एनआईसी द्वारा भुईंयां सॉफ्टवेयर में बदलाव कर दिया है, लेकिन पटवारियों को उसका प्रशिक्षण नहीं दिया है। बिना प्रशिक्षण के काम में दिक्कत आ रही है। इसके लिए शासन को ज्ञापन सौंपा गया है, यदि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदेशभर के पटवारी ऑऩलाइन भुईयां का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।