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ईज ऑफ लिविंग:पहली बार राष्ट्रीय स्तर के सर्वे में प्रदेश से ज्यादा शहर-कस्बे, 264 शहरों का होगा सर्वे, 14 छत्तीसगढ़ से

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पहली बार जीवन सुगमता सूचकांक यानी ईज ऑफ लिविंग के मामले में देश के जिन 264 शहरों को सर्वे के लिए चुना गया है, उनमें छत्तीसगढ़ से पहली बार 14 शहर शामिल हो रहे हैं। 2018 में हुए पहले सर्वे में यहां से केवल तीन शहर थे, जबकि 2020 में केवल दो शहरों रायपुर और बिलासपुर शामिल हुए थे। अब तक हुए सर्वे में देश में पहले में 100 स्मार्ट शहरों ने उसके बाद हुए सर्वे में 111 शहरों ने हिस्सा लिया था।

जीने लायक शहरों के आंकलन के लिए इस बार चार मुख्य कैटेगरी क्वालिटी ऑफ लाइफ, आर्थिक क्षमता, टिकाऊपन और सिटीजन फीडबैक रखी गई है। इनमें 44 इंडेक्स के जरिए शहरों को परखा जा रहा है। कोरबा में 1 हजार लोगों में किया सर्वे पूरा हो गया, बाकी के लिए 23 दिसंबर अंतिम तिथि है। यह ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों होगा और रैंकिंग जनवरी अंत या फरवरी मध्य तक देशभर के लिए जारी कर दी जाएगी।

ईज ऑफ लिविंग सर्वे में 10 लाख से अधिक आबादी वाले सर्वे में दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 2500 लोगों से डायरेक्ट फीडबैक लेना है। वहीं 50 हजार से अधिक आबादी वाले शहर में 300 और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में 2 हजार लोगों से सीधे बात करनी है। भास्कर टीम ने ईज ऑफ लिविंग के जरिए जनता से पूछे जा रहे 17 सवालों को लेकर कई शहरों में लोगों से बात की।

रायपुर, राजनांदगांव, कोरबा, चिरमिरी जैसे शहरों में किए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सुरक्षा, पर्यावरण, घूमने फिरने के स्थान जैसे मुद्दों पर अच्छी राय दे रहे हैं। अर्थात लोगों को लग रहा है कि इन मामलों में उनके शहर में सुविधाएं बेहतर हैं। हालांकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट और पार्किंग की कमी से लोग नाखुश भी हैं। भास्कर ने पाया कि ईज ऑफ लिविंग के सर्वे में राष्ट्रीय एजेंसी युवा और नौकरीपेशा के अलावा कारोबारियों और गृहणियों को भी शामिल कर रहे हैं। कोरबा में यह सर्वे पूरा हो चुका है। रायपुर में ऑफलाइन सर्वे में 1 हजार से अधिक लोग राय दे चुके हैं।

अधिकांश शहर और कस्बे शामिल
ईज ऑफ लिविंग को लेकर देश में शहरों की चार श्रेणियां हैं। छत्तीसगढ़ के शहर तीन श्रेणियों में हैं। पहली श्रेणी 50 हजार से अधिक आबादी वाले शहरों की है, जिसमें रिसाली (भिलाई) को रखा गया है। उसके बाद 5 लाख तक आबादी वाले शहरों में बिलासपुर, जगदलपुर, कोरबा, रायगढ़, राजनांदगांव, अंबिकापुर, धमतरी, चिरमिरी, भिलाई-चरौदा और महासमुंद शामिल हैं। 10 लाख से अधिक आबादी वाली श्रेणी में रायपुर-नवा रायपुर और भिलाई-दुर्ग को रखा गया है।

राय में सर्वर का ब्रेकर
नवा रायपुर में भास्कर टीम शुक्रवार को सुबह साढ़े 10 बजे सर्वे में शामिल होने पहुंची तो पता चला कि सर्वे ही बंद है। फील्ड पर तैनात केंद्रीय शहरी मंत्रालय के लोग खासे परेशान थे, वजह थी कि सर्वर डाउन। करीब ढाई घंटे के इंतजार के बाद बताया गया। कि सर्वर डाउन होने के कारण आज सर्वे नहीं होगा, बल्कि शनिवार को किया जाएगा।

इस तरह मिलते हैं नंबर
ईज ऑफ लिविंग में शामिल शहर नंबर के आधार पर चुने जाते हैं। सिटीजन फीडबैक में 30 प्रतिशत अंक हैं। क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए 35, शहरों की आर्थिक क्षमता के लिए 15 और टिकाऊ-सतत विकास के लिए 20 प्रतिशत अंक रखे गए हैं। जनता की रायशुमारी को इस मामले में अहम माना गया है। शहर के बारे में वहां के लोग क्या सोच रहे हैं, यही रैंकिंग तय करता है।

ऑनलाइन सर्वे की ये स्थिति (सोमवार रात 8 बजे की स्थिति)
शहर फीडबैक मिले
1) रायपुर – 1040
2) नवा रायपुर – 826
3) भिलाई दुर्ग – 112
4) बिलासपुर – 392
5) जगदलपुर – 063
6) कोरबा -046
7) रायगढ़ – 035
8) राजनांदगांव – 030
9) अंबिकापुर -025
10) धमतरी – 023
11) रिसाली – 017
12) महासमुंद – 012
13) भिलाई चरौदा – 011
14) चिरमिरी – 012

स्वच्छता मिशन के तरह ईज ऑफ लिविंग प्रतियोगिता में भी प्रदेश के शहर बेहतर प्रदर्शन करेंगे। हमने शहरों में नागरिक सेवाओं और सुविधाओं के स्तर को तेजी के साथ बढ़ाया है। इसलिए शहरों से अच्छे नतीजों की उम्मीद है। –डॉ. शिवकुमार डहरिया, नगरीय प्रशासन मंत्री

एक्सपर्ट व्यू -पर्यावरण, ट्रांसपोर्ट और पार्किंग पर चाहिए फोकस
प्रदेश में आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल जैसे प्रयोगों से शिक्षा का स्तर काफी अच्छा हुआ है। मिडिल क्लास को काफी राहत है। शहरों में कोविड के बाद से अस्पताल अपग्रेड हो गए हैं। हमर अस्पतालों के प्रयोग से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो गया है। लोगों को घूमने फिरने मनोरजंन के लिए पार्क रिएक्रिएशन जोन जैसी सुविधाएं मिल रही है। रोजगार के मौके भी अच्छे हैं, कारोबार के नियम भी सरल है। इसलिए लोगों का फीडबैक सकारात्मक है। हालांकि अब शहरों में पर्यावरण, ग्रीन बिल्डिंग, ई व्हीकल के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट और पार्किंग पर फोकस करना चाहिए।