छत्तीसगढ़ के 3 लाख 67 हजार से ज्यादा हितग्राही फर्जी आधार नंबर देकर सालों से पीडीएस का चावल ले रहे हैं. राशन कार्डों के साथ हितग्राहियों के आधार नंबरों की सीडिंग और इसके बाद कराए गए सत्यापन में इसका खुलासा हुआ है.
राशन दुकानों में एक हितग्राही को 7 किलो चावल मिलता है. यह मात्रा और बाजार दर 20 रुपए किलो मानकर गणना करें तो ये हितग्राही हर महीने 25 हजार 695 क्विंटल यानि करीब 5 करोड़ 13 लाख का चावल ले रहे हैं.1318 ने अब तक नहीं दिए आधार
हितग्राहियों की पात्रता प्रमाणित करने के लिए खाद्य विभाग द्वारा पिछले 4-5 सालों से आधार नंबर मांगा जा रहा है. इसके बाद भी जिले के 1 हजार 318 हितग्राही अब तक आधार नंबर नहीं दे पाए हैं. जिले में इस समय कुल 4 लाख 46 हजार 841 राशनकार्ड चल रहे हैं. इनमें 16 लाख 41 हजार 839 हितग्राहियों के नाम शामिल है. इनमें से 16 लाख 40 हजार 521 ने आधार नंबर जमा कराया है.
अब परेशानी30 तक कराना होगा सुधार
वन नेशन – वन राशन कार्ड की व्यवस्था के तहत अब प्रत्येक हितग्राही का आधार प्रमाणीकरण आवश्यक है. ऐसे में जिनके आधार त्रुटिपूर्ण पाए गए हैं, उन्हें भविष्य में राशन लेने में दिक्कत हो सकती है. इसे देखते हुए संचालनालय खाद्य, नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण द्वारा परिपत्र जारी कर 30 नवंबर तक सुधार के लिए कहा गया है.
इसलिए अब तक मिलता रहा चावल
प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की संपूर्ण व्यवस्था 5 से 6 सालों से पूरी तरह आनलाइन है. इस व्यवस्था के तहत 4 से 5 सालों से आधार नंबर से पात्रता प्रमाणित कर राशन दिया जा रहा था. वन नेशन-वन राशन कार्ड की व्यवस्था से पहले तक परिवार के सभी सदस्यों के बजाए किसी भी एक सदस्य का आधार के प्रमाणीकरण पर सभी भी पात्रता मानकर राशन दिया जा रहा था. इसके चलते गलत आधार नंबर पर भी राशि मिल जा रहा था.