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Raipur पर्यावरण से खिलवाड़: खुलेआम चल रही मनमानी गजराजबंध का पार काटकर खोल रहे दुकानें, तालाब बचाने के दावे फेल…

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त्तीसगढ़ राजधानी रायपुर से ऐसे ही 2 मामले सामने आए हैं, जहां पर्यावरण की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं. पहला मामला बोरियाखुर्द स्थित गजराजबंध तालाब का है. यहां तालाब का पार काटकर दुकानें खोली जा रहीं हैं.

रोड किनारे इस तरह की 4-5 दुकानें खोली जा चुकी हैं. एक मकान भी बना दिया गया है. इधर, जीई रोड पर आयुर्वेदिक कॉलेज से अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के बीच बने ग्रीन बेल्ट की बलि चढ़ाकर यूथ हब बनाने की तैयारी है.
काम उल्टा कर रहे: बता दें कि तीन साल पहले स्मार्ट सिटी ने जब पं. रविशंकर विश्वविद्यालय के आसपास के इलाके को यूथ हब के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था, तब इलाके की हरियाली बढ़ाने की बात भी कही थी. काम इसके उल्टे हो रहा है. 18 करोड़ के यूथ हब के लिए हरे-भरे पौधों की बलि चढ़ाने की तैयारी की जा रही है.

गजराजबंध शहर का सबसे बड़ा तालाब है. यह तकरीबन 230 एकड़ क्षेत्र में फैला है. वर्तमान में इसका 130 एकड़ क्षेत्र सिंचाई विभाग के अंतर्गत आता है. जबकि, 100 एकड़ क्षेत्र आरडीए के हिस्से में आता है. आरडीए यहां 8 करोड़ की लागत से रीक्रिएशन जोन बनाने की तैयारी कर रहा है. इस तालाब पर कब्जे का खेल पिछले कई सालों से चल रहा है. तालाब को बचाने के लिए ग्रीन आर्मी संस्था ने ढाई साल पहले मुहिम छेड़ी थी जो आज तक जारी है. ग्रीन आर्मी के संस्थापक अमिताभ दुबे का कहना है कि गजराजबंध रायपुर और नवा रायपुर के बीच पड़ने वाला सबसे बड़ा तालाब है.
निगम की जिम्मेदारी है
कब्जा हटवाना नगर निगम की जिम्मेदारी है. रायपुर विकास प्राधिकरण इसमें कुछ नहीं कर सकता.महिमा शंकर पांडेय, ईई, आरडीए
मैं गुजरात में हूं…
अभी मैं गुजरात के राजकोट में हूं. एक कार्यक्रम में हूं. यहां से फ्री होने के बाद आपसे बात करता हूं. – एजाज ढेबर, महापौर, नगर निगम