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हरियाणा कांग्रेस नेताओं को हाईकमान की फटकार:उदयभान हैसियत पूछने वाले बयान से पलटे; किरण चौधरी ने भी चुप्पी साधी

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आदमपुर उपचुनाव की हार के बाद हरियाणा कांग्रेस में मचे घमासान से हाईकमान नाराज हो गया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान से इसको लेकर नेताओं को फटकार लगी है। जिसके बाद हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान के भी बोल और तेवर बदल गए हैं। कल तक विधायक किरण चौधरी की हैसियत पूछने वाले उदयभान ने अब कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।

भूपेंद्र हुड्‌डा ग्रुप के उदयभान ने कहा कि उन्होंने किरण चौधरी के सियासी कद से हैसियत नहीं कही थी बल्कि उनका कहना था कि किस कैपिसिटी में उन्हें बुलाते। वहीं इस विवाद पर खुलकर बोल रहीं किरण चौधरी ने भी अब चुप्पी साध ली है।

हाईकमान की दोनों नेताओं को दो-टूक
सूत्रों के मुताबिक मल्लिकार्जुन खड़गे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही कांग्रेस हाईकमान ने नेताओं पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। केंद्रीय नेताओं ने हरियाणा के नेताओं को एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी को लेकर फटकार लगाई है। उदयभान को इस मामले में दिल्ली भी तलब किया गया। जिसमें उनके सीनियर नेताओं के प्रति बोल को लेकर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ी नाराजगी जताई। वहीं किरण चौधरी को भी सार्वजनिक मंच पर बयानबाजी से मना किया गया है।
उदयभान की सफाई, हमारे बीच कोई मतभेद नहीं
अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि किरण चौधरी हमारी सीनियर लीडर हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। अब विवाद या गुटबाजी की बातें खत्म हो चुकी हैं। यदि कोई ऐसी बात होगी तो हम आपस में बैठकर के सुलझा लेंगे। हमारे बीच में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार में कई BJP के नेता भी नहीं पहुंचे।

उदयभान बोले- पार्टी प्लेटफार्म पर बात करें नेता
किरण चौधरी से विवाद को अब उदयभान ने पार्टी का अंदरूनी मामला बताया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किरण चौधरी क्या कह रही है? मैं क्या कह रहा हूं? वह सारी बात हो चुकी है। अब हमारे बीच में कोई मैटर नहीं है। किसी को कोई मतभेद है तो पार्टी प्लेटफार्म पर बात करें, मीडिया में ना रखें। पार्टी में नेताओं के बीच में मतभेद हो सकते हैं, सबको अपनी बात कहने का हक होता है।
8 साल से अध्यक्ष भरोसे चल रही पार्टी
हरियाणा कांग्रेस में 8 साल से संगठन नहीं बन पाया। सीएम पद पर रहते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा का तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर और कुमारी सैलजा के साथ अनबन रहने के कारण कांग्रेस का संगठन खड़ा नहीं हो पाया। हरियाणा में अशोक तंवर फरवरी 2014 में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बने। तब तंवर सिरसा संसदीय सीट से कांग्रेस के सांसद थे। तंवर से पहले साढ़े 6 साल फूलचंद मुलाना प्रदेशाध्यक्ष रहे, जो कि हुड्‌डा के खास थे।
तंवर के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा के साथ खींचतान रही। इसलिए तंवर संगठन नहीं खड़ा कर सकें। साल 2016 में दिल्ली में कांग्रेस रैली में हुड्‌डा समर्थकों की तंवर के साथ झड़प हो गई। इसके बाद साल 2019 विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण से नाराज तंवर ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कुमारी सैलजा को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद सैलजा ने भी इस्तीफा दे दिया और हुड्‌डा के करीबी उदयभान अध्यक्ष बन गए।
राष्ट्रीय कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पदभार ग्रहण करते ही हरियाणा कांग्रेस को सरप्राइज कर दिया। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ( AICC ) की सबसे पावरफुल स्टीयरिंग कमेटी से पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा का नाम गायब है। यह हालात तब हैं, जब हुड्‌डा खड़गे से करीबी दिखाने का कोई मौका नहीं चूके थे।

सियासी जानकार भी खड़गे के इस फैसले को लेकर हैरान है। वह कन्फ्यूज है कि यह हरियाणा में कांग्रेस के सेनापति भूपिंदर हुड्‌डा को झटका है या उनका रास्ता साफ कर दिया है। स्टीयरिंग कमेटी में हुड्‌डा विरोधी कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला को मेंबर बनाया गया है।

CWC की जगह बनी कमेटी
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पहले फैसले में खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के बदले 47 सदस्यों की स्टीयरिंग कमेटी का ऐलान किया। यहां यह जानना जरूरी है कि CWC कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च कार्यकारी संस्था रही है, लेकिन खड़गे के ऐलान के बाद अब नई स्टीयरिंग कमेटी ही पार्टी संगठन से जुड़े बड़े फैसलों पर मुहर लगाएगी।

इन दिग्गजों को मिली जगह
स्टीयरिंग कमेटी में पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी सहित 47 लोगों को शामिल किया गया है। इसमें खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर को जगह नहीं मिली है। हरियाणा से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को जगह मिली है।

नामांकन में हुड्‌डा बने थे प्रस्तावक
ऑल इंडिया कांग्रेस (AICC) के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन में पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्‌डा प्रस्तावक बने थे। जबकि हरियाणा कांग्रेस के 195 डेलीगेट्स ने चुनाव से पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पास किया था। इसके बाद भी हुड्‌डा ने खड़गे का चुनाव में समर्थन किया।

खड़गे के नामांकन के वक्त आगे खड़े भूपेंद्र हुड्‌डा
खड़गे के नामांकन के वक्त आगे खड़े भूपेंद्र हुड्‌डा
G-23 ग्रुप से मिलने गए थे हुड्‌डा
इस मामले में अहम बात यह भी है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में हरियाणा कांग्रेस ने राहुल गांधी को प्रधान बनाने का प्रस्ताव पास किया था। चुनाव के बीच हुड्‌डा दिल्ली में सोनिया गांधी से मिले। उनकी मुलाकात गांधी परिवार से असंतुष्ट कांग्रेसियों के ग्रुप G-23 से भी हुई थी। जिसको लेकर भी कई तरह की चर्चाएं हो रहीं थी।