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माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद

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झारखंड में नई सरेंडर पॉलिसी लागू होने के बाद अब भाकपा माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद तेज हो गई है। पुरानी समर्पण नीति के तहत 175 माओवादियों ने सरेंडर किया था। समर्पण कर चुके माओवादियों से किए वादे को जल्द से जल्द निभाने की कोशिश भी झारखंड पुलिस करेगी। सरेंडर करनेवाले नक्सलियों को ओपन जेल में रखा जाएगा। वर्तमान में सरेंडर करने वाले 62 माओवादियों को सामान्य जेलों में रखा गया है। चरणबद्ध तरीके से माओवादियों को ओपन जेल में शिफ्ट किया जाएगा। अभी दो माओवादियों को ओपन जेल भेजने का फैसला हुआ है। सरेंडर कर चुके 88 माओवादी जमानत पर छूट चुके हैं, जबकि 8 की मौत हो चुकी है। जमानत पर छूटने के बाद दो माओवादी फरार हो चुके हैं जिनकी तलाश जारी है। हजारीबाग स्थित ओपन जेल में नक्सलियों को अपने अपने परिवार के साथ रहने की व्यस्था की गई है। झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी आशीष बत्रा ने शुक्रवार को संपर्क करने पर बताया कि नई सरेंडर पॉलिसी काफी आकर्षक है। इस सरेंडर पॉलिसी का अगर इनामी नक्सली फायदा उठाते हैं तो वह एक बेहतर जीवन गुजार सकते हैं।

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