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Jabalpur में BJP विधायकों के फर्जी लेटरहेड पर प्रधान आरक्षक के तबादले की सिफारिश, मचा हड़कंप

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में फेक लेटर पैड के जरिए ट्रांसफर की सिफारिश करने का मामला सामने आया है. सत्ताधारी भाजपा के दो प्रभावशाली विधायकों के फर्जी लेटर पैड के जरिए ट्रांसफर की सिफारिश के खुलासे से जबलपुर में खासा हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, पूर्व मंत्री और भाजपा के विधायक अजय विश्नोई (MLA Ajay Vishnoi) और एक अन्य विधायक अशोक रोहाणी (MLA Ashok Rohani) के लेटर पैड का इस्तेमाल कर जालसाजों ने फर्जी दस्तखत कर पुलिस आरक्षकों के ट्रांसफर की सिफारिश की थी.

विधायकों के लेटर पैड और दस्तखत के फर्जी होने का खुलासा सिफारिशी पत्रों में असभ्य भाषा के इस्तेमाल के चलते हुआ. खुद के लेटर पैड और फर्जी दस्तखत से सिफारिश पत्र लिखने की खबर मिलते ही जबलपुर के दोनों ही सत्ताधारी विधायक भी चौंक उठे और उन्होंने इस तरह की जालसाजी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

पुलिस ने दिलाया जांच का भरोसा

यह पहला मौका नहीं है जब सत्ताधारी विधायकों के लेटर पैड का इस्तेमाल कर सरकारी महकमों में सिफारिश पत्र भेजे गए थे. इसके पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आए, लेकिन विधायकों के द्वारा शिकायत दर्ज न कराने के चलते न तो जांच पूरी हो पाई और न ही दोषी बेनकाब हो पाए हैं. अब एक बार फिर इस तरह का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में जहां हड़कंप मचा हुआ है, तो वही यह सवाल भी उठ खड़ा हुआ है कि इस तरह के शिफारशी पत्रों पर अब तक सरकारी महकमों में कितने ट्रांसफर हो चुके हैं? बहरहाल, इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने भी अपनी तरफ से जांच का भरोसा दिलाया है.

इधर, जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से आई शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर खुद के साथ अपने कई अधिकारियों का वेतन रोकने का बड़ा आदेश दिया है. कलेक्टर शर्मा ने खुद फेसबुक पर अपने आधिकारिक पेज पर इसकी जानकारी दी. जबलपुर कलेक्टर ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है,’सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों में आशानुकूल निराकरण नहीं होने पर खुद के वेतन के साथ अधिकारियों का इस महीने का वेतन रोका’