निजी स्कूलों को आरटीई के तहत दी जाने वाली राशि को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने नई व्यवस्था लागू की है. निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए दी जाने वाली फीस प्रतिपूर्ति को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र के द्वारा नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेस का शपथ पत्र देना होगा. कोरोना संक्रमण काल में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का शपथ पत्र देने के साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं के फोटो को भी अपलोड करना अनिवार्य होगा. ऑनलाइन कक्षाओं का सही तरह से संचालन नहीं होने पर निजी स्कूलों को आरटीई के तहत मिलने वाली फीस प्रतिपूर्ति की राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा.
राज्य शिक्षा केंद्र ने निजी स्कूलों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जिसमें कहा गया है कि आधार सत्यापन करने के बाद ऑनलाइन कक्षाओ में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या उपस्थिति और कुल दिनों की संख्या दर्ज करानी होगी. स्कूल में केवल उन्हीं बच्चों की उपस्थिति दर्ज होगी जो ऑनलाइन कक्षाओं में उपस्थित रहेंगे. प्रदेश के 26 हज़ार निजी स्कूलों में करीब 4 लाख सीटों पर आरटीई के तहत निशुल्क शिक्षा के तहत प्रवेश लिए जाते हैं. कोविड-19 के कारण बीते साल आरटीई के तहत स्कूलों में प्रवेश नहीं दिए गए थे, इस साल प्रवेश प्रक्रिया पूरी की गई है.
शिकायत करने पर होगी कार्रवाई
राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा निर्देश में यह भी कहा है कि स्कूल अगर गलत जानकारी देते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों के माता-पिता ऑनलाइन कक्षाएं सही समय और सही तरीके से संचालित नहीं होने की शिकायत करते हैं, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
निजी स्कूलों को देना होगा फीस का ब्यौरा
राज्य शिक्षा केंद्र के दिशा निर्देशों के अनुसार निजी स्कूलों को साल भर की फीस (वार्षिक शुल्क दर्ज) और स्कूल का फीस स्ट्रक्चर अपलोड करना होगा. जिसमें कक्षा नर्सरी से kg2 की कक्षाएं भी शामिल होंगी. सत्र 2020-21 का फीस का विवरण और अन्य बच्चों से ली जाने वाली प्रत्येक कक्षा की फीस की एक-एक रसीद अपलोड करनी होगी. एक-एक रसीद की एक पीडीएफ फाइल बनाकर शिक्षा पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा.