किसी भी देश या प्रदेश की तरक्की का प्रमुख पैमाना ऑल वेदर रोड का दायरा होता है. जिस राज्य में पक्की सड़कों का फैलाव जितना अधिक होता है, वहां विकास की संभावनाएं भी उतनी ही ज्यादा होती हैं. झारखंड का गठन वर्ष 2000 में हुआ था. उस वक्त प्रदेश में नेशनल हाइवे (National Highway) का दायरा 1606 किलोमीटर था. प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर झारखंड में अब नेशनल हाइवे का दायरा 3367 किलोमीटर हो चुका है. इसका मतलब यह हुआ कि प्रदेश के अस्तित्व में आने के बाद से NH निर्माण दोगुने से भी ज्यादा हुआ है. इसका प्रभाव झारखंड के विकास पर भी दिखता है. जंगल और पहाड़ से भरपूर झारखंड में आवागमन पहले के मुकाबले काफी बेहतर हुआ है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार से अलग होकर साल 2000 में झारखंड एक अलग प्रदेश के तौर पर अस्तित्व में आया था. उस वक्त झारखंड में नेशनल हाइवे का कुल दायरा 1606 किलोमीटर था. पांच साल में यह बढ़कर 1805 किलोमीटर तक पहुंच गया था. इसके बाद 6 वर्षों तक यथास्थिति बनी रही. इसके बाद राज्य में नेशनल हाइवे निर्माण की रफ्तार ने जोर पकड़ा. इसी का नतीजा रहा कि साल 2019 में यह 2968 किलोमीटर तक पहुंच गया. फिलहाल प्रदेश में नेशनल हाइवे का दायरा 3367 किलोमीटर है. कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है तो कई अभी लंबित हैं.