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1200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, पूर्व इंजीनियर आवास सहित 8 लोकेशन पर की छापेमारी

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केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate (ED) ने करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग यानी फर्जीवाड़ा (multi-crore graft case) से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई की है. एजेंसी ने गुरुवार सुबह करीब सात बजे ही पंजाब के आठ लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन (Search Operation) को अंजाम देने जुट गई. सूत्रों के मुताबिक यह मामला ग्रेटर मोहाली डेवलपमेंट अथॉरिटी (Greater Mohali Area Development Authority (GMADA)) के पूर्व इंजीनियर सुरेंद्र पाल सिंह उर्फ पहलवान (Surinderpal Singh, alias Pehalwan) के भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. लिहाजा इसी मामले में पंजाब की राज्य सतर्कता ब्यूरो ( Punjab vigilance bureau) ने साल 2017 में एक एफआईआर दर्ज की थी. उसी मामले के आधार पर कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी.

गिरफ्तार आरोपियों से हुई पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण इनपुट मिले थे. इसलिए इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की जालंधर जोन की टीम ने साल 2021 में अप्रैल महीने में इस केस को टेकओवर ( Enforcement case information report (ECIR) किया था. यानी राज्य सतर्कता ब्यूरो के द्वारा दर्ज एफआईआर को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत तफ्तीश करने का फैसला लिया गया था. पिछले कुछ महीनों से कई इनपुट्स को इकट्ठा करने के बाद इस सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है . इस सर्च ऑपरेशन में फ़ास्ट वे नाम की केबल कंपनी (fastway)के मालिक गुरदीप सिंह (Gurdeep Singh) के खिलाफ छापेमारी की जा रही है.

इन प्रमुख आरोपियों और कंपनियों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई
जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक इस केस में कई लोगों के खिलाफ तफ्तीश की जा रही है जिसमें गुरिंदर पाल सिंह, मोहित कुमार, गुरमेश सिंह गिल, अमित गर्ग, राजिंदर एंड कम्पनी, ओंकार बिल्डर्स एंड कॉन्ट्रेक्टर सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ मामले की तफ्तीश की जा रही है. ईडी की जालंधर ज़ोन की टीम ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को इसी साल जनवरी में एक खत लिखकर इस केस संबंधित जानकारियों को मांगा था, जिसके बाद विजिलेंस ब्यूरो द्वारा साल 2017-18 के दौरान हुए भ्रष्ट्राचारियों के डिटेल्स , आरोपियों से संबंधित संबंधित अवैध प्रोपर्टी, कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र (Chargsheet) की कॉपी समेत अन्य दस्तावेजों को औपचारिक तौर पर सौंपा गया था. ईडी ने उन दस्तावेजों को खंगालने के बाद अप्रैल महीने में मामला दर्ज करके आगे की जांच शुरू की थी.

क्या ये राजनीतिक संबंध वाला कमीशन का हिस्सा तो नहीं है ?
जांच एजेंसी ईडी (ED) की टीम इस मामले की जांच के दौरान ये भी जांचने में जुटी है कि जिस तरह से मुख्य आरोपी पूर्व इंजीनियर रहे सुरेंद्र पाल सिंह सहित उसके साथ सह आरोपी का संबंध पंजाब के एक बड़े स्तर के राजनीतिक हस्ती के साथ रहा है. तो क्या साल 2017 के वक्त कई कॉन्ट्रेक्ट सुरेंद्र पाल सिंह के द्वारा कई अन्य दूसरे लोगों को दिया गया था, उसमें आपस में क्या कनेक्शन है?

क्या उस अवैध तौर पर हुई करोड़ों रुपये की अवैध वसूली में राजनीतिक हस्तियों, पूर्व इंजीनियर और कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने वालों की भूमिका किस तरह से है. इस मामले को विस्तार से खंगाला जा रहा है. ईडी द्वारा गुरदीप सिंह नाम के एक कारोबारी के यहां भी छापेमारी की जा रही है, जो फास्ट वे केबल और जुझाड़ ग्रुप के मालिकों में से एक हैं.