छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में त्योहारी सीजन के साथ ही कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण का खतरा फिर से बढ़ने लगा है. पिछले करीब डेढ़ महीने से राहत के बाद अब फिर से प्रदेश में एक्टिव कोरोना केस (Active Corona Case) की संख्या बढ़ रही है. बिलासपुर और दुर्ग जिले (Bilaspur and Durg) में तो कोरोना बीमारी के कारण मौत (Death) के मामले फिर से सामने आने लगे हैं. बीते 24 घंटे में बिलासपुर और दुर्ग दोनों ही जिलों में कोरोना से संक्रमित एक-एक मरीजों की मौत हो गई है. दुर्ग जिले में 39 दिन बाद किसी कोरोना संक्रमित की मौत हुई.
बिलासपुर में 20 अक्टूबर के बाद 27 अक्टूबर को दूसरी मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है. राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 27 अक्टूबर की रात 8 बजे तक कुल एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 263 है. 24 घंटों में 2 की मौत हुई और 28 नए संक्रमित मरीज मिले. राहत की बात है कि बालोद, बेमेतरा, महासमुंद, सूरजपुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही और गरियाबंद जिले में एक भी नए कोरोना संक्रमित नहीं मिले हैं.
दो बुजुर्गों की मौत
बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में 73 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला की बीते बुधवार को कोरोना इलाज के दौरान मौत हो गई. इससे पहले बीते 20 अक्टूबर को बिलासपुर के यदुनन्दननगर में रहने वाले 84 साल के बुजुर्ग ने इलाज के दौरान दम तोड़ा था. इससे पहले दो हफ्ते से मौत का आंकड़ा शून्य पर था, लेकिन एक बार फिर से कोरोना जिले में पैर पसार रहा है. जानकारों का मानना है कि उन लोगों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं, जिन लोगों के द्वारा वैक्सीन नहीं लगवाया गया या फिर दूसरा डोज लोगों ने नहीं लगवाया है.
बिलासपुर में 1351 लोगो की जांच
प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बिलासपुर में बीते बुधवार को 1351 लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच की गई, जिसमें से 2 लोग संक्रमित पाए गए हैं. बिलासपुर में कुछ दिनों से नए मरीज मिलने के कुल संक्रमितों की संख्या 65 हजार 217 पहुंच गयी है और मौतों की आकड़ो की बात करे तो कोरोना से अब तक 1555 लोगो की जान जिले में जा चुकी है. अक्टूबर के इस महीने में 27 दिन में 48 लोग संक्रमित हुए हैं. जिले में 238 सेंटरों में कोविड का टीका लगाया जा रहा है. बीते बुधवार को दिन भर हुए वेक्सिनेशन में 7 हजार 635 लोगों ने वैक्सीन लगवाई है. दूसरा डोज लगवाने वालो की भी संख्या अधिक रही है. हालांकि इस बीच वैक्सीन सेंटरो में कोवेक्सीन की किल्लत बनी हुई है. जबकि कोविशिल्ड के प्रयाप्त डोज वेक्सिनेशन सेंटरो में उपलब्ध है.