Home News 20 साल से असरदार गवर्नेंस का मोदी मॉडल.

20 साल से असरदार गवर्नेंस का मोदी मॉडल.

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पीएम नरेंद्र मोदी के इसी सूत्र वाक्य ने शायद उन्हें लगातार 20 सालों से सत्ता के शिखर पर बना रखा है. आज वो देश के ऐसे एकमात्र राजनेता बन गए हैं जो बिना रुके बिना थके लगातार दो दशकों से अपने दम पर पार्टी को चुनाव जिताकर सत्ता में ला रहे हैं. एंटी इनकंबेंसी की वजह से भारत ही नहीं दुनियाभर में बड़े बड़े नेताओं के लिए सत्ता में हमेशा वापसी मुश्किल भरी होती है. लेकिन मोदी के मामले में ट्रेंड एकदम अलग है. समय के साथ उनकी लोकप्रियता में लगातार बढ़ोतरी हुई है. पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर लगातार 13 साल और अब बतौर प्रधानमंत्री लगातार 7 साल मिला दिया जाए तो मोदी सर्वोच्च पद पर बिना रुके 20 साल पूरे कर चुके हैं और ये सिलसिला जारी है.
मैं लंबे वक्त से टेलीविजन पत्रकारिता में हूं, पहले बिजनेस चैनल और अब न्यूज चैनल के संपादक रहते हुए मैंने कई मुख्यमंत्रियों के कामकाज का तरीका देखा है. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब बिजनेस चैनल के संपादक होने के नाते मैं कई बार कार्यक्रमों में गांधीनगर भी गया हूं . मैं यकीन से कह सकता हूं कि मोदी की तरह समर्पण के साथ काम करने वाला दूसरा नेता मैंने नहीं देखा. 20 सालों तक सीएम और पीएम बने रहने की मोदी की उपलब्धि कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा आप सिर्फ इस तथ्य से लगा सकते हैं कि देश ने ऐसे बहुत से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री देखे हैं जिनका कार्यकाल 6 महीने से लेकर सालभर भी रहा है. दरअसल सत्ता तक पहुंचने से ज्यादा मुश्किल होता है उस पर बने रहना क्योंकि जनता नॉन परफॉर्मर को कभी बर्दाश्त नहीं करती.
हमेशा परीक्षा पास करने वाले मोदी
सात अक्टूबर 2001 को जब मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर काम संभाला तो उनके पास सरकार में काम करने का कोई अनुभव नहीं था. वो सीएम बनने से पहले पहले कहीं मंत्री भी नहीं थे. इसे लेकर राजनीतिक विरोधी उनकी क्षमता पर सवाल उठा रहे थे. लेकिन मोदी ने सबको झुठला दिया. वो बार बार जनता की परीक्षा में ऐसे खरे उतरे कि शिखर पर बने रहने का ऐतिहासिक सिलसिला पहले मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री बनकर कायम रखे हुए हैं. लोकतंत्रिक व्यवस्था में फिलहाल इस तरह का कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता.

मोदी की एक खूबी जो उन्हें सबसे बड़ी ताकत देती है वो है उनकी प्रशासनिक क्षमता यानी असरदार गवर्नेंस का शानदार रिकॉर्ड. काम के मामले में इसी उम्दा प्रदर्शन से वो देशभर में जनता के बीच असाधारण लोकप्रिय हैं. लोकतंत्र में किसी भी नेता को ताकत सिर्फ और सिर्फ जनसमर्थन से मिलती है, और लगातार जनसमर्थन सिर्फ उन नेताओं को ही मिलता है जो परफॉर्मर होते हैं. मोदी के दम पर ही बीजेपी को गुजरात में लगातार तीन चुनावों में दो तिहाई से ज्यादा बहुमत मिला. केंद्र में भी बीजेपी ने लगातार दो चुनाव मोदी के नाम पर ही लड़े और अकेले दम पर बहुमत हासिल किया. 2014 में तो मोदी की वजह से 30 सालों में पहली बार केंद्र में एक पार्टी को अपने दम पर बहुमत हासिल हुआ. गवर्नेंस में ये उनकी परफॉर्मेंस का ही नतीजा है कि मोदी हर बार पहले से ज्यादा समर्थन के साथ सत्ता में लौटे.

मोदी का प्रशासनिक मॉडल 6 स्तरों पर काम करता है.
लोगों को सहूलियत देने वाला
व्यवहारिक यानी प्रैक्टिकल
नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
जवाबदेही
ट्रांसपेरेंट यानी पारदर्शी
लोगों का जीवन स्तर सुधारने वाला
नरेंद्र मोदी के इन 6 फॉर्मूलों की वजह से उन्हें परफॉर्मर कहा जाता है. वो अक्सर कहते हैं, सरकारी योजनाओं को लागू करते वक्त लचीला रवैया जरूरी है. उनका मानना है कि देश का हर राज्य सामाजिक और भौगोलिक लिहाज से अलग है इसलिए दिल्ली में बैठकर सभी राज्यों के लिए एक जैसे नियम नहीं बनाए जा सकते. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों की योजनाएं उत्तर प्रदेश या मध्यप्रदेश जैसे मैदानी राज्यों में लागू नहीं हो सकतीं.
प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपनी इन भावनाओं को अपने फैसलों में शब्दश: लागू किया है. अधिकारियों को यही आदेश दिया कि कोई भी योजना बनाते वक्त उसकी व्यवहारिकता को जरूर परखें. दो दशकों में मोदी ने साबित किया है कि अगर इच्छाशक्ति और परफॉर्म करने का जीवट हो तो राजनीतिक मजबूरियों का बहाना बनाए बगैर कई बड़े बुनियादी बदलाव किए जा सकते हैं, बनी बनाई लीक को तोड़ा जा सकता है.