राजनांदगांव। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज छुरिया विकासखंड के ग्राम गोड़लवाही में अखिल भारतीय हल्बा-हल्बी आदिवासी समाज के शक्ति दिवस, शहीद शिरोमणि गैंदसिंह नायक मूर्ति अनावरण, बिरसा मुण्डा 150वीं जन्म शताब्दी एवं लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में शहीद शिरोमणि गैंदसिंह नायक की मूर्ति का अनावरण तथा 1 करोड़ 21 लाख 16 हजार रूपए की लागत से निर्मित हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन एवं 1 करोड़ 52 लाख 97 हजार रूपए की लागत से निर्मित 50 सीटर प्री मैट्रिक छात्रावास भवन का लोकार्पण किया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में ग्राम गोड़लवाही से ग्राम उमरवाही तथा उमरवाही से करमरी तक सड़क चौड़ीकरण की घोषणा की। उन्होंने गोड़लवाही में नवीन महाविद्यालय स्थापना की घोषणा की। स्कूल परिसर में बाऊण्ड्रीवाल तथा अटल समरसता भवन निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वामित्व योजना के तहत हितग्राहियों को अधिकार पत्र, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को गैंस कनेक्शन का वितरण किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हल्बा-हल्बी आदिवासी समाज द्वारा आयोजित शक्ति दिवस, शहीद गैंदसिंह नायक की मूर्ति अनावरण, भगवान बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती के अवसर पर सौभाग्य से शामिल होने का अवसर मिला है। उन्होंने शहीद शिरोमणि गैंदसिंह नायक को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और सभी को शक्ति दिवस की बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि देश एवं प्रदेश में जनजातीय समाज का समृद्धशाली इतिहास रहा है और शासन जनजातीय समाज के महापुरूषों एवं क्रांतिकारियों का सम्मान बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर जनजातीय समाज के महानायकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित भव्य डिजिटल संग्रहालय एवं नये विधानसभा भवन का लोकार्पण किया गया है। डिजिटल संग्रहालय में वीरांगना रानी दुर्गावती, शहीद वीरनारायण सिंह, शहीद गुंडाधूर, शहीद गैंदसिंह नायक सहित अन्य स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों, जनजातीय समाज द्वारा अंग्रेजों के विरूद्ध किए गए 14 बड़े विद्रोह का सचित्र चित्रण किया गया है। उन्होंने बताया कि एक बटन दबाते ही पूरे स्वतंत्रता संग्राम एवं महापुरूषों की जानकारी मिल जाती है। उन्होंने सभी से रायपुर पहुंचकर संग्रहालय का अवलोकन करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति पद पर श्रीमती द्रौपती मुर्मु जनजातीय समाज से है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जनजातीय समाज के विकास एवं क्षेत्र के विकास के लिए छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया और आज छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गांव-गांव तक पक्की सड़कों का निर्माण करवाया और जनजातीय समाज के विकास के लिए आदिम जाति कल्याण मंत्रालय का गठन किया। तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह द्वारा जनजातीय समाज के विकास के लिए बस्तर विकास प्राधिकरण, सरगुजा विकास प्राधिकरण लाया गया। शासन द्वारा जनजातीय समाज की शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य सभी आवश्यक संसाधन की व्यवस्था की जा रही है। शासन द्वारा प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र हितग्राहियों के लिए 18 लाख पक्के आवास बनाने की स्वीकृति दी गई। महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रूपए की सहायता राशि दी जा रही है। किसानों को दो वर्ष का बकाया बोनस 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। तेंदूपत्ता संग्रहण से 13 लाख परिवारों को लाभ मिल रहा है। तेंदूपत्ता संग्रहण राशि 4000 रूपए से बढ़ाकर 5500 रूपए बोरा की गई है। श्री रामलला दर्शन योजना के तहत 38 हजार बुजुर्ग हितग्राही लाभान्वित हुए है। भूमिहीन कृषक मजदूर योजना के तहत हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में नक्सलवाद बाधा रही है। विगत दो वर्षों में डबल इंजन सरकार के होने से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों में गति आयी है। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने संकल्प लिया है कि दो वर्षों में देश से नक्सलवाद को समाप्त करेंगे। अब तक 2 हजार से नक्सलवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। शासन की ओर से उनके पुनर्वास के लिए कार्य किए जा रहे है और उन्हें सहयोग प्रदान किया जा रहा है। जगदलपुर के पंडुम कैफे में नक्सल आत्मसमर्पित तथा पीडि़त परिवारों ने मिलकर पंडुम कैफे खोला है, जो सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। उन्होंने बस्तर ओलंपिंक की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियद नेल्लानार अभियान के माध्यम से 400 से अधिक ग्राम शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, अधोसंरचना एवं विकास कार्यों से जुड़ रहे है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज का यह अवसर ऐतिहासिक है। परलकोट से अंग्रेजों के खिलाफ शोषण के विरूद्ध आजादी की मशाल जलाई एवं युद्ध का बिगुल फूंका। शहीद गैंदसिंह की सोच के अनुरूप शोषण मुक्त, स्वाभिमानी एवं आत्मनिर्भर जनजातीय समाज की स्थापना हो रही है। जनजातीय समाज से विभिन्न पदों पर सेवाएं दी जा रही है, यह एक अनुशासित समाज है और भगवान राम तथा माता दंतेश्वरी का आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि गरीब एवं जरूरतमंदों के जीवन में व्यापक परिवर्तन आ रहे हैं। ग्रामीण एवं वनवासी क्षेत्रों से मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्धतापूर्वक कार्य कर रहे है। विगत दो वर्षों में तेजी से प्रदेश का विकास हुआ है। उन्होंने सरलता, सहजता एवं ईमानदारी से कार्य किया है। उन्होंने किसानों को दो वर्ष का बकाया बोनस 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख महिलाओं के खाते में 7 करोड़ रूपए की राशि उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रदान की गई है। सड़कों का जाल बिछा हुआ है एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए कार्य किए जा रहे हैं।
सांसद श्री संतोष पाण्डेय ने कहा कि आदिवासी समाज स्वतंत्रता के आंदोलन में अग्रिम पंक्ति में लडऩे वाला समाज है। अग्रिम पंक्ति में लडऩे वाला समाज जिसे हम धरती आबा कहते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान धरती आबा बिरसा मुण्डा और शहीद वीर नारायण सिंह ने अपनी पूरी संपत्ति समाज के लिए अर्पित कर दिया। इसी तरह वीर गुंडाधुर, वीर सुरेंद्र साय, रामाधीन गौड़, तिलक मांझी एक नहीं अनेक नाम है। जो देश की धरती को माता समझे और अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज से विभिन्न पदों प सेवाएं दे रहे हैं। इस समाज के ऊपर पूरा देश गौरवान्वित महसूस करता है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी की दर बढ़ाकर 3100 रूपए में धान खरीदी, दो वर्ष की बोनस राशि, महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह 70 लाख महिलाओं को 1 हजार रूपए की सहायता, प्रधानमंत्री आवास योजना से 18 लाख हितग्राहियों का आवास स्वीकृत किया गया।
पूर्व वन मंत्री श्री महेश गागड़ा ने कहा कि आज बिरसा मुण्डा 150वीं जन्म शताब्दी को शक्ति दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। समाज की संस्कृति के संरक्षण के लिए शहीद गैंद सिंह ने अपना बलिदान दिया। कार्यक्रम को अखिल भारतीय हल्बा-हल्बी आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ महासभा के डॉ. देवेन्द्र माहला, जिला अध्यक्ष हल्बा-हल्बी आदिवासी समाज श्री बीरेन्द्र कुमार मसिया ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्रवंशी, अध्यक्ष जनपद पंचायत छुरिया श्री संजय सिन्हा, सदस्य जिला पंचायत श्री प्रशांत कोड़ापे, सदस्य जिला पंचायत श्री गोपाल भुआर्य, जनपद सदस्य श्रीमती जैमून बाई कंवर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता साहू, समाज सेवी श्री कोमल सिंह राजपूत, सरपंच ग्राम पंचायत गोड़लवाही श्री जगदीश राम बघेल, गोड़वाना महासभा धमधागढ़ से श्री एमडी ठाकुर, ब्लॉक अध्यक्ष हल्बा-हल्बी आदिवासी समाज डोंगरगांव श्री भीषम लाल उर्वशा, समाज के श्री चैतराम परेन्द्र, श्री हिरदेराम देवांगन, आईजी श्री अभिषेक शांडिल्य, कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव, पुलिस अधीक्षक श्रीमती अंकिता शर्मा, वन मंडलाधिकारी श्री आयुष जैन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, एसडीएम डोंगरगांव श्री श्रीकांत कोराम सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में समाज के लोग एवं ग्रामीण उपस्थित थे।



