केंद्र सरकार ने टेलिकॉम सर्विसेस सेक्टर (Telecom Services Sector) में ऑटोमैटिक रूट के तहत 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI in Telecom Sector) की मंजूरी देने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. इससे पहले सरकार ने टेलिकॉम सेक्टर के लिए अपने पैकेज के हिस्से के तौर पर 100 फीसदी एफडीआई की घोषणा की थी. कर्ज के बोझ से दबे टेलिकॉम सेक्टर को राहत देने के लिए सरकार की ओर से कई दूसरे उपाय भी किए गए हैं. केंद्र के उपायों से वोडाफोन-आइडिया (Vi) और एयरटेल (Airtel) जैसी टेलिकॉम कंपनियों को बड़ा फायदा मिलेगा. इन कंपनियों पर करीब 40,000 करोड़ रुपये का बकाया है.
सरकार ने टेलिकॉम सेक्टर को हाल में दी हैं ये सुविधाएं
मोदी सरकार (Modi Government) ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) से जुड़ी बकाया रकम की कैलकुलेशन, बकाया रकम पर 4 साल की मॉरेटोरियम सुविधा और मॉरेटोरियम (Moratorium) की अवधि खत्म होने के बाद सरकार के लिए बकाया को इक्विटी में तब्दील करने के विकल्प की सुविधा दी है. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने कहा कि टेलिकॉम सर्विसेस सेक्टर में विदेशी निवेश साल 2020 के प्रेस नोट-3 की शर्त का विषय होगा. इसके मुताबिक, प्रेस नोट-3 के प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार की अनुमति की जरूरत वाले मामलों के लिए स्थिति नहीं बदलेगी.
पड़ोसी देश सरकार की अनुमति से ही कर सकेंगे निवेश
प्रेस नोट-3 में कहा गया है कि भारत की सीमा से सटे किसी भी देश की एंटिटी या भारत में निवेश का फायदा लेने वाला मालिक अगर ऐसे किसी देश में है या उसका नागरिक है तो केवल सरकारी अनुमति से ही निवेश किया जा सकता है. ऐसे में चीन (Chinese Investors) समेत सभी पड़ोसी देशों को भारत के टेलिकॉम सर्विस सेक्टर में निवेश करने से पहले केंद्र सरकार की अनुमति लेनी ही होगी. सरकार की ओर से टेलिकॉम सेक्टर को दी गई राहत से वोडाफोन-आइडिया की मुश्किलें कम हो सकती है. यह कंपनी पिछले कुछ साल से घाटे में है और इसे कर्ज चुकाने में भी परेशानी हो रही है.