दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing of Delhi Police) ने 10 साल पुराने एक भगोड़े आरोपी चित्रेश मोहन को गिरफ्तार किया है, जिसने एक शख्स के नाम पर एयरसेल टेलीकॉम कंपनी के 10 सिमकार्ड कनेक्शन लिए थे और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कंपनी का मालिकाना हक बताकर धोखाधड़ी की थी. बिजनेस के लिए उन सिमकार्ड से रोमिंग पर इंटरनेशनल कॉल करके उसने टेलीकॉम कंपनी को 1 करोड़ 76 लाख का चूना लगा दिया था. ये सभी इंटरनेशनल कॉल्स भारत से नेपाल, USA और मालदीव होती थीं. दिल्ली पुलिस ने इस भगोड़े को दिल्ली के जैतपुर से गिरफ्तार किया.
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि दीपक रावत नाम के शख्स से 10 पोस्टपेड नंबर जारी किए गए थे. जिसके बाद टेलीकॉम कंपनी से उन नंबरों पर इंटरनेशनल रोमिंग की सुविधा देने का अनुरोध किया गया. कुछ समय बाद एयरसेल कंपनी को नेपाल टेलीकॉम से सूचना मिली कि कुछ लोग नेपाल से अंतरराष्ट्रीय रोमिंग सुविधा का बहुत अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. इस संबंध में जांच के बाद पता चला कि ये कॉल्स नेपाल के माध्यम से USA और मालदीव को भेजी गई थीं. जांच में दीपक रावत की पहचान नहीं हो सकी क्योंकि उनके नाम पर उपलब्ध कराए गए दस्तावेज सभी फर्जी थे. बाद में दस्तावेजों की जांच के दौरान यह पता चला कि दीपक रावत के नाम पर कोई कंपनी नहीं थी.
कोर्ट के आदेश में भगोड़ा घोषित हुआ चित्रेश दीपक रावत
वर्तमान आरोपी चित्रेश दीपक रावत के रूप में खुद को प्रस्तुत करने वाला शख्स था जो फरार था. बाद में कोर्ट द्वारा 2017 के आदेश में भगोड़ा घोषित किया गया था. पुलिस टीमों को जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपी चित्रेश मोहन ने दीपक रावत की फर्जी पहचान पर एयरसेल सिम कार्ड कनेक्शन प्राप्त किए, जो खुद को मेसर्स एलए बेला एक्सपोर्ट एंड इंपोर्ट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी चलाने का दावा करते थे. उस दौरान बिजनेस के लिए सिम कार्ड अंतरराष्ट्रीय रोमिंग के लिए इस्तेमाल किए गए थे. जिसकी वजह से टेलीकॉम कंपनी को काफी नुकसान हुआ था.